________________
४७६ ]
दिगम्बर जैन साधु
मुनिश्री मुनेन्द्रसागरजी महाराज द्वारा
दीक्षित शिष्य
मुनि श्री श्रुतसागरजी महाराज
EHIMMMMMMMMMMMMMMMMMMMMMAR
मुनि श्री श्रुतसागरजी महाराज
पू० महाराजजी का जन्म नुनि आई (आगरा U. P.) में श्रेष्ठी श्री पन्नालालजी के यहां सं० १९३४ में माता लक्ष्मीबाई की कुक्षि से हुआ। आप जैसवाल जाति के थे। आपका पूर्व नाम कन्हैयालाल था । आपने मुनि मुनीन्द्रसागरजी महाराज से करहल मैनपुरी में मुनि दीक्षा ली । आप पू० प्राचार्य शान्तिसागरजी महाराज के संव मे एक विशिष्ट साधु थे । जो शारीरिक दृष्टि से अस्वस्थ रहने पर भी अपने व्रत, नियम, चारित्र के पालन में दत्तचित्त रहते थे । आपका स्वभाव सौम्य । शान्त और मनोज्ञ था। आपका यह सौभाग्य था कि आपको ऐसे महान ऋषिराज का सम्पर्क मिला । आपकी समाधि भी हुई।