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दिगम्बर जैन साधू आचार्य श्री महावीरकीर्तिजी महाराज
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परमपूज्य प्रातःस्मरणीय तपोनिधि स्व० १०८ श्री आचार्य महावीरकीर्ति मुनि महाराज वर्तमान युग के एक प्रादर्श . श्रेष्ठ वीतराग साधु थे।
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अगाध विद्वत्ता महान कठोर तपश्चर्या आदर्श वीतरागता बहुभाषा विज्ञता अद्वितीय थी।
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चन्द्रबाद फिरोजाबाद (U. P.) (चंदवार) में १४ वीं १५ वीं शताब्दी में चौहान वंशीय राजा राज्य करते थे। इन्हीं के शासन काल में जैन श्रावक राजश्रेष्ठी, प्रधानमंत्री, कोषाध्यक्ष आदि उत्तम पदों पर आसीन थे। उन्हीं के शासन काल में मोदी नामक सज्जन कोषाध्यक्ष के पद पर प्रतिष्ठित थे।
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आचार्य श्री का जन्म इसी परिवार में हुआ । इस परिवार की छठी पीढ़ी में वंशीधरजी का जन्म हुआ जो नगर के . सुप्रसिद्ध सेठ अमृतलालजी रानीवाले के • यहां उच्च पद पर नियुक्त हुए । आपके
___ तीन पुत्र हुए उनमें श्री रतनलालजी के पांच पुत्र हुए। श्री महेन्द्रकुमारजी ( पू० प्राचार्य महावीरकोर्तिजी ) आपके मझले पुत्र थे । माता का नाम 'दादेवी था । बून्दादेवी परम धार्मिक प्रसन्नवदना सुशील तीर्थभक्त महिला थी।
___ श्री रतनलालजी संस्कृत के पाठी थे । दैनिक पाठक्रिया और मुनियों के परम भक्त थे। . '