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मुनिश्री वजकीर्तिजी महाराज
द्वारा दीक्षित शिष्य
मुनि श्री धर्मकीर्तिजी महाराज
श्री वजकीर्तिजी महाराज
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___ मुनिश्री धर्मकीर्तिजी महाराज
आपका जन्म भावनगर में संवत् १९५६ में हुआ था। १७ वर्ष की अवस्था में शादी की । पावागढ़ में आचार्य कुन्थुसागरजी महाराज के पास दूसरी प्रतिमा के व्रत धारण किए थे।
आप इन्टर पास हैं । दीक्षा पूर्व आपने सव वाहनों का त्यागकर दिया था। वीर सं० २४८२ वैशाख शुक्ला ३ रविवार के दिन शंत्रजय तीर्थ क्षेत्र में मुनि श्री वज्रकीति से मुनिदीक्षा ली।
आपकी प्रवचन शैली अति ही उत्तम रही। प्रवचनों में हजारों की उपस्थिति रहती थी। आपके द्वारा गुजरात प्रान्त में महती धर्म प्रभावना हुई । आपने एक पुस्तक भी लिखी जो सरल एवं प्रश्नोत्तर रूप में है जो मानव समाज के लिए शिक्षाप्रद सिद्ध हुई।
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