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दिगम्बर जैन साधु
मुनिश्री पावसागरजी महाराज
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• आपका जन्म ग्राम समोना जिला आगरा में सम्वत् १९८५ में हुआ । आपके पिताजी का नाम श्री दातारामजी एवं माताजी का नाम चन्दनबाला था। आप ५ भाई व.३ बहिनें हैं । आपने पांचवीं कक्षा तक श्री कुन्दकुन्द दिगम्बर जैन विद्यालय राजाखेड़ा में विद्या अध्ययन किया। उसके बाद रत्नकरण्ड श्रावकाचार आदि धार्मिक ग्रन्थों का अध्ययन किया। आप गृहस्थ अवस्था में प्रतिदिन पूजन करते थे। आपके माता पिता का स्वर्गवास
आपकी छोटी आयु के समय ही हो गया था। इस कारण won संसार की असारता को देखकर आपको वैराग्य उत्पन्न
हुआ । आपने १७ साल पहले मथुरा में आचार्य श्री विमलसागरजी महाराज से दूसरी प्रतिमा धारण की । उसके थोड़े दिन बाद सोनागिरजी में ७ वी प्रतिमा भी श्री विमलसागरजी महाराज से ली । सम्वत् २०२१ में बड़वानी में आचार्य श्री विमलसागरजी. से. क्षुल्लक दीक्षा ली । सम्वत् २०२२ में मांगीतुगीजी में आचार्य श्री विमलसागरजी महाराज से मुनि. दीक्षा ली । और श्री पार्श्वसागरजी महाराज नाम पाया। मुनि दीक्षा के बाद नांदगांव में..आप पर बिजली का प्रहार हुआ । जिससे आपके दिमाग व आंख में कमजोरी आ गई। आप बाल ब्रह्मचारी हैं । धार्मिक भजन व कविता खुद बनाकर सुनाते हैं।
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