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दिगम्बर जैन साधु माधिका शान्तिमतीजी .
बाराबंकी निवासी श्री कुन्थुदासजी की धर्मपत्नी श्री पद्मावती की कूख से चन्द्रावती ने वि० सं० १९८३ को जन्म लिया था । आपकी शिक्षा मिडिल तक थी। आपने छोटी सी अवस्था से जैन ग्रन्थों का अध्ययन किया। अष्टसहस्री, सर्वार्थसिद्धि, गोम्मटसार, न्यायदीपिका, आदि ग्रन्थों को कंठस्थ याद कर गुरु को सुनाये । आप प्रवचन कला में दक्ष थी । आपको केंसर की भी शिकायत थी फिर भी धर्मध्यान नहीं छोड़ा तथा तीर्थराज सम्मेदशिखरजो में आर्यिका दीक्षा ली। प्रापने ३२ चातुर्मास विभिन्न प्रान्तों में किए तथा जैन समाज ने आपके प्रवचनों से लाभ उठाया। आपकी शैली सरल एवं आदर्शता लिए हुए थी।
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मापिका यशोमती माताजी
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आपका जन्म हरियाणा के सुप्रसिद्ध नगर सोनीपत में संवत् १९६७ में श्रेष्ठी श्री कुवरसैनजी अग्रवाल के यहां हुवा था । आपकी माताजी का नाम गिन्दोड़ीबाई था, आपका जन्म नाम मैनावाई था। आपने पू० प्राचार्य देशभूषणजी महाराज से आर्यिका दीक्षा ली। आप धर्म साधना में संलग्न हैं ।
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