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दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लक श्री सुरत्नसागरजी
आपका जन्म गुनोर जि. पन्ना में श्री बैनीप्रसादजी के यहाँ हुआ था । आप ६ भाई बहिन हैं । आपकी बहिन पूर्वनाम सुधा जो अब आ० सुरत्नमती के नाम से जानी जाती हैं । आपने मासोपवासी मुनि श्री सुपार्श्वसागरजी महाराज से कटनी में क्षुल्लक दीक्षा ले ली। आप जैन ग्रंथों के उच्चकोटि के लेखक व वक्ता हैं। आप हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी, गुजराती आदि भापा के जानकार हैं।
आपकी प्रवचन शैली अति ही उत्तम है । आधुनिक शैली से विषय का प्रतिपादन करना आपकी विशेषता है। अल्प आयु के आप प्रभावी एवं तपस्वी साधु हैं ।