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दिगम्बर जैन साधु मुनिश्री निरिणसागरजी महाराज
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मुनि श्री का जन्म लगभग ३८ वर्ष पूर्व उमरमरा (विलासपुर) मध्यप्रदेश में श्री सरजूप्रसादजी के गृह में हुआ था। आपकी माताजी का नाम श्री मतिदेवीजी था। आपका पूर्व नाम ब्रजभान जैन था। मुनि श्री के पूर्व गृहस्थ अवस्था में १३ भाई बहिन थे । आपकी लौकिक शिक्षा ११ वीं तक हुई। सोनागिर क्षेत्र पर मुनिश्री सुपार्श्वसागरजी के दर्शन से आपके मन में वैराग्य के अंकुर प्रगट हुए। दिल्ली में भगवान महावीर स्वामी के पच्चीस सौ वें निर्वाण महोत्सव वर्ष में आपने क्षुल्लक दीक्षा आचार्य श्री धर्मसागरजी महाराज से ली तथा मुजफ्फरनगर (उ. प्र ) सन् १९७६ में माघसुदी पंचमी को दिगम्बरी दीक्षा लेकर आत्मकल्याण कर रहे हैं।