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दिगम्बर जैन साधु
मुनिश्री सुर्मातसागरजी महाराज
आपका जन्म औरंगाबाद जिले के अन्तर्गत पिपली ग्राम में हुआ । आपके पूर्वज डेह गांव के खण्डेलवाल जातीय काशलीवाल गोत्र में उत्पन्न हुए थे । आपने नागौर में वि० सं० २००६ की आषाढ़ शुक्ला एकादशी के दिन क्षुल्लक दीक्षा एवं वि० सं० २००८ में फुलेरा ( राजस्थान ) के पंचकल्याणक महोत्सव के अवसर पर कार्तिक शुक्ला चतुर्दशी के दिन मुनिदीक्षा ग्रहण की थी । आप ढ़ श्रद्धानी, परम तपस्वी साधु थे । सं० २००९ में आचार्य संघ के साथ तीर्थराज सम्मेदशिखर की यात्रा को गये । तीर्थराज के दर्शन करने के बाद भादवा सुदी १५ के दिन पूर्ण संयम, नियम उपवास द्वारा कर्मो को काटने के लिये इसरो में भौतिक शरीर का त्याग किया ।
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मुनिश्री श्रुतसागरजी महाराज
[ १३.१.
पूज्य मुनिश्री ने प्राचार्य वीरसागर महाराज से दीक्षा लेकर अपने को आत्म कल्याण के मार्ग पर लगाया था । दीक्षा लेने के कुछ समय पश्चात् ही आपका समाधि मरण हो गया । आप साधु थे महान तपस्वी
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