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इसी प्रकार मिश्र देश में जाने वाले भाई भी अपने प्यारे वतनं ( जन्म भूमि) को नहीं भूले । उन्होंने भी वहीं एक पर्वत का नाम Meroe (सुमेरू ) : रक्खा । दूसरे पर्वत का नाम: Caela (कैलाश) रक्खा 1. एक झील का नाम यहां ( Menza : Lake ) (मनसा) मौजूद है। एक शहर का नाम भी On ग्राम है । एक सुवा (Gurna) गिरनार हैं जिस में मंदिर और मूर्तियां गिरनार जैसी श्रांज तक मिलती है जो अवश्यं वहां के ही लोगों ने बसाया होगा" इत्यादि ।
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... ऊपर जिस गिरनार का वर्णन आया है वह जैनियों का प्रसिद्धः तीर्थ जूनागढ़ के पास काठीयावाड़ में है जहां से. २२ वें तीर्थंकर श्रीनेमिनाथ स्वामी मोक्ष को पधारे थेः ।
"आगे चलकर इसी पुस्तक के पृष्ट ४३ पर इस प्रकार लिखा है-
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...."कुछ शहरों पर ही. मोकूफ नहीं क : खालिसः' नाम संस्कृत भाषा को तीर्थंकर जैनी फिरके के पुजारी । ".
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( 1 ५ :) पं०.: लेखराम जी आर्य समाजी ने 'रिसाला जेहाद' नामा पुस्तक में पृ० २५ पर एक नकशा उन देशों 'को दिया हुआ है। जिन में मुसलमानों का मतः फैला, उसी नकशे की कैफियत के खाने में देशों के नाम के सामने अन्य
धम्मों के नाम भी लिखे हुवे हैं, जो वहां किसी समय में उन देशों में फैले थे, उस में मिश्र (Egypt) और नाटाल Natal South Africa ) देशों के सामने जैनी भी लिखे.. भावार्थ पण्डित जी के लेखानुसार मिश्रः नाटाल आदि देशों में भी जैन धर्म की ध्वजा फहरा रही थी ।
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मिश्र के बहुत से राजाओं हैं, जैसे ! ( Tirtheka )
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(६) “Oriental” October 1802, page No 23;24) “श्रोरियंटल" पत्र माह श्रोक्कूबर सन १८०२ पृ० २३ घं' २४ परं‘“भारत वर्ष में सर्व से पुरानी इमारत" नामा लेक