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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम
पत्र भाषा कर्ता पुस्तकनु नाम
क्रमाक
पत्र भाषा पुस्तकनु नाम
कर्ता
क्रमाक
७७४८ एकविशतिस्थानप्रकरण ३ प्रा सिद्धसेनसूरि ७७४९ एकविशतिस्थानप्रकरण २ प्रा सिद्धसेनसूरि ९४९६ एकविशतिस्थानप्रकरण २ प्रा सिद्धसेनाचार्य १०५६३ एकविशतिस्थानप्रकरण २-५ प्रा सिद्धसेनाचार्य १०९४१ एकविशतिस्थानप्रकरण ५ प्रा सिद्धसेनाचार्य १०९४२ एकविशतिस्थानप्रकरण ६ प्रा सिद्धसेनाचार्य ११०२८ एकविशतिस्थानप्रकरण ५ प्रा सिद्धसेनसूरि १२१२४ (२७)एकविशतिस्थानप्रकरण
११०-११३ प्रा सिद्धसेनसूरि १३९९६ (१) एकविशतिस्थानप्रकरण ३ स १ सिद्धसेनसूरि १४१६१ एकविशतिस्थानप्रकरण २ प्रा सिद्धसेनसूरि १६९८५ एकविशतिस्थान प्रकरण ४ प्रा सिद्धसेनसूरि १७३२० एकविशतिस्थान प्रकरण ३ प्रा सिद्धसेनसूरि १७४८६ एकविशतिस्थानप्रकरण ५ प्रा सिद्धसेनसूरि ४४७३ एकविशतिस्थानप्रकरण टबार्थसहित
७ प्रागु मू सिद्धसेनसूरि १३८२९ एकविशतिस्थानप्रकरण बालावबोधसह
१९ प्रागु मू सिद्धसेनसूरि ६९९१ एकविशतिस्थानप्रकरण बालावबोधसहित
६ प्रा गु मू सिद्धसेनाचार्य १६३६ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
८ प्रा गु मू सिद्धसेनसूरि ४४५२ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
२-७ प्रा गु मू सिद्धसेनसूरि ४४७४ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
८ प्रागु मू सिद्धसेनसूरि ४७३९ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
१० प्रागु मू सिद्धसेनसूरि
१३३६१ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
१८ प्रा गु मू सिद्धसेनसूरि १३४६४ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
१० प्रागु मू सिद्धसेनसूरि १४६०६ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
९ प्रा गु मू सिद्धसेनसूरि १७४२६ एकविशतिस्थानप्रकरण सस्तबक
८ प्रागु मू सिद्धसेनसूरि १९७४१ एकवीश ठाणा प्रकरण सस्तबक
८ प्रागु १८२७० एकवीश स्थानक बोल १७१६३ एकवीसठाण प्रकरण । ३ प्रा सिद्धसेनसूरि
४७०८ एकवीसठाणप्रकरण बालावबोध ५ गु १६७७० एकवीस ठाण प्रकरण सस्तबक ७ स मू सिद्धसेनसूरि १६७७१ एकवीस ठाण प्रकरण सस्तबक ४ प्रा मू सिद्धसेनसूरि
५०२९ एकवीस मिथ्यात्वादिनु स्वरूप ४ गु १५६१५ (२) एकवीस सबलास्वाध्याय २४ गु १९३८३ एकवीसस्थान प्रकरण ५ प्रा सिद्धसेनसूरि १३६४५ एकवीसस्थानप्रकरण सस्तबक ८ प्रा गु मू सिद्धसेनसूरि ५१२६ एक सो अट्ठावन प्रकृतिनो विचार
९ गु १९९५१ एकसो आठ पार्श्वनाथ भगवान नामनो छद
१ ४०७ ५०१६ एक सो चोवीस अतिचार
पण्डित वार्तिक
५ गु दर्शनविजयशिष्य
प्रीतिविजयगणि ९४२३ एकसोबत्रीशदलकमलबद्ध
स्तम्भनपार्श्वनाथजिनस्तवन २ गु भानुमेरु