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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
क्रमाक
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१४६७ आत्मनिन्दा
१ व्रज १३७५ (२) आत्मनिन्दाष्टक ७९४५ (२) आत्मनिन्दाष्टक
२ स हरिभद्रसूरि ९१२६ (१) आत्मनिन्दाष्टककाव्य १३६४७ (२) आत्मनिन्दास्तोत्र
६ स १५६१७ आत्मप्रतिबोध
५ गु वाचक नयनसुन्दर ३४६८ आत्मप्रतिबोधकुलक
गु तपा नयसुन्दर ५८७० (३) आत्मप्रतिबोधसज्झाय ३ गु पार्श्वचन्द्रीय
विजयदेवसूरि ११८२८ आत्मप्रतिबोधस्वाध्याय ५ गु नयसुन्दर । १८०१२ आत्मप्रबोध
१६९ स जिनलाभसूरि ४६२४ आत्मप्रबोधकुलक सस्तबक ९ प्रा जयशेखर १४२८२ आत्मप्रवाषनन्य
आत्मप्रबोधग्रन्थ
सुभाषितोपदेशरूप २६ स १४४०६ आत्मप्रबोधछत्रीसी १३६१७ आत्मप्रबोध बीजकसह १३० स जिनलाभसूरि ७३४० आत्मप्रबोध बीजकसहित १९७ गु जिनलाभसूरि. ५६७० (५६)आत्मप्रबोधस्वाध्याय ५४-५५ गु पार्श्वचन्द्रीय
विजयदेवसूरि ३१५७ आत्मप्रबोधस्वाध्याय अपूर्ण ६ गु १६१८१ आत्मबोधकुलक
४ प्रा जयशेखरसूरि . ९९२५ आत्मबोधपचीसी
२ हिन्दी ९१२८ (९) आत्मबोधसज्झाय २३-२४ हिन्दी रङ्गकुशल ११६६६ (२) आत्मरक्षास्तोत्र
१ प्रा १२९१४ (३) आत्मरक्षास्तोत्र
१४-१६ स १४०८९ (२) आत्मरक्षास्तोत्र
२ स १६०१४ आत्मराजरास
५ गु सहजसुन्दर १७४८७ आत्मराजरास
८ गु सहजसुदर
११५३४ आत्मराजानो रास
६ गु सहजसुन्दर ९३२३ (२) आत्मरास
६ गु २ सहजसुन्दर १११५३ (२८)आत्मविज्ञप्ति
३७मु प्रा - रत्नसिहसूरि १८९९२ आत्मशिक्षा
६ गु हसरतन ५६७० (४४)आत्मशिक्षागीत
४१मु गु राजसमुद्र २००१५ आत्मशिक्षानी सज्झाय २ ४०७ ९५०२ आत्मशिक्षाभावना
८ गु प्रेमविजय १९९०२ आत्मशिक्षा भावना ३६१५ (२) आत्मशिक्षाशतक
७ प्रा १ अभयदेवसूरि ३५६३ (४) आत्मशिक्षाशतक त्रूटक ६४-६६. प्रा ३८२५ (४) आत्मशिक्षास्वाध्याय २२-२३ गु ९२१२ (५) आत्मशिक्षास्वाध्याय
२ गु ५ मालमुनि ९३७४ (२) आत्मशिक्षास्वाध्याय
१ गु २ प्रीतिविजय १४५८६ (१) आत्मशीक्षा ९१२८ (२) आत्मसहस्रनाम
५-१३ हिन्दी बनारसीदास ४९२३ आत्मस्तोत्र
२ स १६०८८ आत्मस्वभावस्वाध्याय २ गु सकलचन्द्र ७१४६ आत्मस्वमानस्वाध्याय-स्तवन
चैत्यवन्दनादिसड्ग्रह १११५३ (३०)आत्महितकुलक ३९-४० प्रा रत्नसिहसूरि ५९४० (३) आत्महितशिक्षासज्झाय ७ गु विशुद्धविमल ६४०० (६) आत्महितशिक्षासज्झाय १२-१३ गु विशुद्धविमल ६४०० (५) आत्महितशिक्षासज्झाय ११-१२ गु यशोविजयोपाध्याय १२४८४ आत्महितसज्झाय
१ गु सकलचन्द्र ५६७० (६४)आत्महितस्वाध्याय ५९-६० गु सोमविमलसूरि ९४०७ आत्महितस्वाध्याय
२ गु विजयबुध ९१२८ (१२)आत्महितोपदेशसज्झाय २५मु गु रङ्गकुशल ७७५ (९) आत्मानुशासन २८-३० स पार्श्वनाग