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________________ [ ३९९ ] पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जेन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पत्र माषा कर्ता पुस्तकनु नाम क्रमाक ८ स २९ स ३८१६ (१) विष्णुकुमारकथा गाथाबद्ध १-४ प्रा १८९१७ विष्णुपजर स्तोत्र १ स १८९३० विष्णुपजरस्तोत्रादि १० स ७१५९ विष्णुपजरस्तोत्र ८२५७ (२) विष्णुपञ्जरस्तोत्र १६०८९ विष्णुभक्ति २ गु मीठो श्रावक १२५८१ विष्णुसहस्त्रनामस्तोत्र विष्णुसहस्रनामस्तोत्र २६ १०८१७ विष्णुसहस्रनामार्थ ४३ ११४७३ विसवादप्रकरण अपूर्ण ३८३८ विस्मयज्ञानपबोध सस्तबक विद्वद्गोष्ठी २ सगु ४४५३ विहरमानजिनएकविशतिस्थानप्रकरण २ प्रा शीलदेव १७५०८ विहरमानजिन एकविशतिस्थान प्रकरण सावचूरि ३ प्रास. मू शीलदेव १२३६५ (२) विहरमानजिनपत्रकल्याणकस्तव ७ स २ आनन्दविमलसूरि ११९२५ विहरमानजिनभासवीसी ६ गु विनयविजयोपाध्याय ५३६८ विहरमानजिनवीसी २-८ गु जसविजय ६१८८(१) विहरमानजिनवीसी १-८ गु जिनविजय ६२३३ (२६)विहरमानजिनवीसी यशोविजयोपाध्याय ६२३३ (२८)विहरमानजिनवीसी ६३-६८ गु यशोविजयोपाध्याय ७०५० (१) विहरमानजिनवीसी ११ गु १ यशोविजयो पाध्याय ११९२६ विहरमानजिनवीसी २-९ गु यशोविजयोपाध्याय ११९२७ विहरमानजिनवीसी ९ गु यशोविजयोपाध्याय १२४५१ विहरमानजिनवीसी ९ गु यशोविजयोपाध्याय १५९३४ विहरमानजिनवीसी ७ गु जिनहर्ष १०२३ (४७)विहरमानजिनस्तवन ९१६३ विहरमानजिनस्तवनचोवीसी १० गु यशोविजयोपाध्याय ११९२३ विहरमानजिनस्तवनचोवीसी १२ गु यशोविजयोपाध्याय ११९२४ विहरमानजिनस्तवनचोवीसी ११ गु यशोविजयोपाध्याय ६४०० (१) विहरमानजिनस्तवनवीसी १-७ गु यशोविजयोपाध्याय ७३३२ विहरमानजिनस्तवनवीसी १९ गु न्यायसागर । ३१३२ (२०)विहरमानवीनति ६ह गुजराती जयशेखरसूरि १९९७८ विहारमानजिन स्तुति १९६३७ वीतराग महादेव स्तोत्र ७ स हेमचन्द्राचार्य ३०८७ (१३)वीतरागविज्ञप्ति ७ प्रा जिनप्रभसूरि १७४३९ (२) वीतराग विनति ३५६४ (८)वीतरागस्तव ८२-९६ स आचार्य हेमचन्द्र ४९७५ वीतरागस्तव १७ स हेमचन्द्राचार्य ४९७६ वीतरागस्तव ८ स हेमचन्द्राचार्य १६१७४ वीतरागस्तव हेमचन्द्राचार्य १८५४२ वीतरागस्तव ७ स हेमचद्राचार्य १७१४५ वीतरागस्तव अष्टम प्रकाश ८ स मू हेमचन्द्राचार्य १६२६२ वीतरागस्तव अवचूरि ८१८६ (२) वीतरागस्तव आद्याक्षरश्लोक ४ स ७३९९ (१) वीतरागस्तवन १ स. १ चारित्रसुन्दर ७४१५ (३) वीतरागस्तवन ७ स ३ जयतिलकसूरि शिष्य ९१७३ वीतरागस्तवन २ गु सकलचन्द्र ९१७४ वीतरागस्तवन २ गु पार्श्वचन्द्र १२३७४४) वीतरागस्तवन १ स १जेत्रसूरि १२१२४ (११)वीतरागस्तवन-प्रभातकुलक ७३-७४प्रा १९२६४ वीतरागस्तवन टिप्पणी सह २ स
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
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