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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा
क्रमाक
कर्ता
१४१६४ मङ्गलवाद
२ स ८८०७ मङ्गलवाद-तर्कभाषाआद्य
पद्यव्याख्या १२३७३ (२) मङ्गलशब्दार्थमयस्तवन १ स २ सोमसुन्दरसूरि
९०२ (४८)मङ्गलस्तोत्र तीर्थवन्दनरूप २३४ स ८३७३ मङ्गलस्वरूप-आवश्यकबृहद्वृत्त्यादिअन्तर्गत
२ स ३०६७ (२) मङ्गलाष्टक
२ स मू कालिदास कवि १२३७० (१) मङ्गलाष्टक १५८१७ (१) मङ्गल्यस्तोत्र
१ धर्मसूरि ५७८९ मजापद्रपुरमण्डनपार्श्वनाथवीनती १ अप
प्रधान गुलींबो १७३७५ मणिकठप्रकरण
३८ स ५९९३ मणिचन्द्रकृत सज्झायसङ्ग्रह १० गु मणिचन्द्र ५९९४ मणिचन्द्रकृत सज्झायसग्रह ९ गु मणिचन्द्र ९३५५ मणिचन्द्रकृतस्वाध्यायसङ्ग्रह ७ गु मणिचन्द्र २१०६ (३) मणिचूडकथा देवपूजाविषये गद्य
२७-३२ प्रा १७५३१ मणिपति चतुष्पदी
१९ गु सिहकुल १७२०५ मणिपतिचरित्र
११ प्रा हरिभद्रसूरि
बृहद्गच्छीय ३८६५ मणिपतिचरित्र गाथाबद्ध २० प्रा हरिभद्र ३३९६ मणिपतिचरित्र तथा
सुरपल्लीपतिकथा २-२० गु १६६८० मणिपतिचरित्र बालावबोध २५ गु
२१०३ मणिपतिचरित्र श्लोकबद्ध ८७ स ७३८१ मणिपतिचरित्र श्लोकबद्ध ६४ स जम्बूनाग श्वेतभिक्षु २८७८ मणिपतिचरित्र श्लोकबद्ध टिप्पणीसह
२९ स जम्बूनाग श्वेतभिक्षु
४७६२ मणिपतिराजर्षिचरित्र
श्वेताम्बर जम्बुनाग (मुनिपतिचरित्र) श्लोकबद्ध २-६४ स साधु ११५५२ मणिपतिरास
२-२८ गु साधुहस ८९२२ १) मणिपरीक्षाकल्प
२ स १४६६० मणिभद्रवीरछन्द
२ गु शान्तिसूरि ९२०७ (२) मण्डपदुर्गमण्डनसुपार्श्वजिनस्तवन ४ गु २ जीवराज ३३२८ मण्डपीयश्रीसङ्घप्रशस्ति २ स १५३४१ मण्डलप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित
१६ प्रा स विनयकुशल ३६२१ (३) मण्डलविचार
५-६ स ३ मुनिचन्द्रसूरि १७२०६ (२) मण्डलविचार
स मुनिचन्द्रसूरि ८८६५(१) मण्डलाध्याय
१ स ८११४ (२) मण्डिकचौरकथा
३ प्रा ९२८१ (२) मण्डोरापार्श्वजिनस्तोत्र
नगागणि ११८०३ मतोत्पत्तिचउपई
१ गु पार्थचन्द्र ११३१२ (१) मत्स्योदरकथानक १५९०१ मत्स्योदरकथा पद्य
२०४० मत्स्योदरनरेन्द्रचरित्ररास १९ गु लावण्यरत्न १६८८९ (२) मत्स्योदरी कथा ३१३२ (१२)मथुरावतारपार्श्वनाथवीनति ३-४ गुजराती जयशेखरसूरि ९०२ (३४)मथुरावतार
श्रीपार्श्वजिनस्तुति २२५-२२६ गु ११३१४ मदन-धनदेवरास
३० गु पद्मविजय १४६५८ मदनकीर्तिप्रबन्ध
१ स १७८३१ मदनकुमार रतिसुदरी कथानक ८ हि दाम ११७५७ मदनजूझ
१० गु बच्छराज ५४३९ मदननरेश्वर-चन्द्रश्रेष्ठिचतुष्पदी १३ गु अञ्चलगच्छीय
दामोदर मुनि
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