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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम
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क्रमाक
पत्र भाषा कर्ता
पुस्तकनु नाम
क्रमाक
पत्र भाषा कर्ता
पुस्तकनु नाम
६८०८ न्यायावतारविवरण
३३ स सिद्धव्याख्यानिक २४४८ (१) न्यायावतारवृत्ति । १-२८ स सिद्धव्याख्यानिक ६६७१ न्यायावतारवृत्तिटिप्पन १५ स मलधारी देवभद्रसूरि २४४८ (२) न्यायावतारवृत्ति टिप्पनक २८-४१ स मलधारी देवभद्रसूरि २४४९ न्यायावतारवृत्ति टिप्पनक २२ स मलधारी देवभद्रसूरि २५१४ (३) न्यायावतारसूत्र
८ स सिद्धसेन दिवाकर २५४८ (१) न्यायावतारसूत्रवृत्ति १-३२ स सिद्धव्याख्यानिक २५४८ (२) न्यायावतारसूत्रवृत्ति टिप्पनक
मलधारी देवभद्र ६६७० न्यायावतारसूत्र वृत्तिसहित २८ स मू सिद्धसेन
दिवाकर, वृ
सिद्धव्याख्यानिक १७९२७ पचकल्प चूर्णि
७१ प्रा १७९२५ पचकल्प द्वितीयखड सपूर्ण २०८ प्रा हरिभद्रसूरि १७९२६ पचकल्प भाष्य
५७ प्रा १८५७० पच कल्याणक ढाल
६ हिन्दी रूपचद १८९२१ पचकल्याणक वर्णन
५ गु रुपचद १८९२६ पचकल्याणक वर्णन
४ गु रुपचद १८६२७ पचकल्याणक स्तवन
१ गु पुण्यसागर १९७४५ पच कल्याणक स्तवन ४ गु रुपचद १९९०१ पच ज्ञाननी पूजा
७ ४०६ ४८७१ पचतत्र
२-५६ स विष्णुशर्मा १८४१९ पचतत्रगतकथा
३ स १२३७३ (१) पचतीर्थंकरस्तुति
१ स १ सोमसुन्दरसूरि १९५६८ (१) पचतीर्थी स्तवन
१-२ गु लावण्यसमय १८२१२ पचदशीयंत्रपद्धति
४ स १८३०५ पचदशीयत्रपद्धति १७८२४ पचदशीयत्रविधि
५ स १७२१३ पचनिग्र सग्रहणी अवचूरि ३
१७१७५ पचनिग्र सग्रहणी साव०पच० ४ स म अभयदेवसरि ११०२१ पचनिन्थप्रकरण
३ प्रा अभयदेवसूरि ११०२३ पचनिन्थप्रकरण सावचूरि अपूर्ण
६ प्रा स मू अभयदेवसूरि ११०२२ पचनिन्थप्रकरण सावचूरि त्रिपाठ
९ प्रास मू अभयदेवसूरि ६३५२ पचपरमेष्ठिगुणनी सज्झायो ५ गु देवविजय १२३७५ (३) पचपरमेष्ठिस्तव
१ स ३ जिनप्रभसूरि १२३७५ (२) पचपरमेष्ठिस्तव
१ स १२३४० (१) पचपरमेष्ठिस्तोत्र
१ स १९९२६ पचम कर्मग्रन्थ टबा सहित ८९ ४०६ १७७०१ पचम कर्मग्रन्थ सस्तबक ९८ प्रागु बा० यश सोम १७७०३ पचम कर्मग्रन्थ सस्तबक ५५ प्रागु १९९२५ पचम कम्रन्थ सहित १९८३६ पच महावतनी कथा १९८४३ पच महाव्रतनी सज्झाय
७३६० पच महावतनी सज्झायो ३ गु कान्तिविजय १९५५९ पचमहावत सज्झायादि ३ गु कातिविजय १९७७८ पचमी-अष्टमी तथा
एकादशीनास्तवन २०००९ पचमीतथा एकादशीनी स्तुति १ ४०७ ८१७० (२) पचमीतपउजमणाविधि ३ प्रास १८५६६ पचमीतप स्तवन
४ गु समयसुदर १९९८४ पचमीनी स्तुति
१ ४०७ १७५२३ पचमी स्तवन
४ गु गुणविजय १८५८४ पचमीस्तवन
३ गु समयसुदरोपाध्याय १८६०९ पचमुखहनुमन्मत्र आदि ७ स १८१३० पचवाक्य पश्नशकुनावली ४ गु