SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 263
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [२५३] पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता | क्रमाक -९ ग पुण्यरल ६६८५ न्यायकुसुमाञ्जलिपरिमल महोपाध्याय प्रथमस्तबक १६ स. श्रीदिवाकर १०७१६ न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण २८ स उदयनाचार्य १७४०० न्यायग्रथ अपूर्ण ३० स ७३२१ न्यायग्रन्थ अपूर्ण १०९ स २४९९ न्यायचन्द्रिका अपूर्ण २५ स केशवभट्ट, २५०० न्यायचन्द्रिका अपूर्ण ५ स केशवभट्ट ८७८७ न्यायचन्द्रिका अपूर्ण १९ स केशव भट्ट १३५०७ न्यायतत्त्वचिन्तामणि ६२ स गगेश्वरोपाध्याय ६६७८ न्यायतत्त्वविवेक ३-२४ स उदयकर ८७८६ न्यायदीपावलि ५ स आनन्दबोध यति २५२४ न्यायदीपिका २३ स परमार्हत् अभिनवधर्म भूषणाचार्य २८६९ न्यायदीपिका टिप्पणसहित २० स अभिनवधर्म भूषणाचार्य १३६४३ न्यायप्रदीप टिप्पणसह ८ स गोपीकान्त २८६७ न्यायप्रवेश २ स १७८०७ न्यायप्रवेशकवृत्ति २० स हरिभद्रसूरि २५२५ न्यायप्रवेशसूत्र ४ स दिड्नागाचार्य २४९६ न्यायबिन्दुटीका २५ स आचार्य धर्मोत्तरपाद ६६८१ न्यायबिन्दुटीका २८ स आचार्य धर्मोत्तरपाद १०७१७ न्यायभूषणसारसग्रहवार्तिक टिप्पणीसह अपूर्ण १४९ स भासर्वज्ञ १७४७५ न्यायमजूषाबृहद्वृत्ति स्वोपज्ञ ६२ स हेमहसगणि ७२४९ __ न्यायमकरन्द टीका ५२ स चित्सुखमुनि ६६८६ न्यायमकरन्द न्यायोपदेशमकरन्द २९ स आनन्दबोध २८४१ न्यायमकरन्दप्रकरण ५८ स आनन्दबोध कवि २८४२ न्यायमकरन्दप्रकरणवृत्ति अपूर्ण २-९९ स ७२५० न्यायरत्न * स मणिकण्ठमिश्र २५०१ न्यायरलप्रकरण ५१ स महोपाध्याय शशधर १०७१८ न्यायलीलावती ३९ सं श्रीवल्लभ २३५० न्यायसड्ग्रह न्यायमञ्जूषा वृत्तिसहित अपूर्ण ८९ स हेमहसगणि २३५१ (२) न्यायसङ्ग्रहवृत्ति टिप्पणीसहित ६-१० स ११८५९ न्यायसागरनिर्वाण २-९ गु ११९११ न्यायसागरनिर्वाण किचिदपूर्ण ८ गु पुण्यरत्न २५०२ न्यायसार २० स ६८१० न्यायसारटिप्पनकन्यायकलानिधि २९ स विश्वनाथाश्रम १०१०० न्यायसारप्रकरण टिप्पणीसहित ५ स आचार्य भासर्वज्ञ १०३८७ न्यायसारप्रकरण टिप्पणीसहित ८ स भासर्वज्ञ ६६७२ (१) न्यायसारसूत्र ४९ स १ भासर्वज्ञ ६६७२ (२) न्यायसारसूत्र न्यायतात्पर्यदीपिका ४९ स २ जयसिहसूरि ८७८५ न्यायसिद्धान्तमञ्जरीटिप्पनक ३७ स भट्टाचार्य २५१४ (१) न्यायसूत्र १-५ स १०६८१ न्यायार्थमजूषा २० स हेमहसगणि २४६१ (३) न्यायालोकप्रकरण त्रुटक ७६-८० स न्यायविशारद यशोविजयजी १६७९४ (२) न्यायावतार स सिद्धसेन दिवाकर २५२३ न्यायावतार टिप्पनक ३० स मलधारी ज्ञानचन्द्र ६६९२ (३) न्यायावतारपञ्जिकाबीजक २५ स
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy