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________________ [ १८७ ] पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जेन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Puper AMS ) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तक नाम पत्र भापा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भापा का क्रमाक २५३० तत्वचिन्तामणि महोपाध्याय प्रत्यक्षपरिच्छेद १०१ स गङ्गेश्वरभट्ट १०४२९ तत्त्वचिन्तामणि पथमखण्ड ४६ स गनेश्वर मिश्र २९१८ तत्त्वतरङ्गिणी ३ प्रा धर्मसागरोपाध्याय ११४६९ तत्त्वतरङ्गिणी स्वोपज्ञटीकासहित २४ प्रा स धर्मसागरोपाध्याय ५०८१ तत्त्वद्गीपनिबन्ध स्वोपज्ञ टीकासहित त्रिपाठ ३-४८ स वल्लभाचार्य ५०८२ तत्त्वदीपप्रकाशावरणभङ्ग ९९ स पीताम्बर १७८७९ तलनिर्णयप्रासाद द्वितीयखड २३८ थी ४०५५ वज विजयानदसूरि १७८७८ तत्त्वनिर्णयप्रासाद प्रथमखण्ड २३७ व्रज विजयानदसूरि १८८३३ तत्त्वपचाशिका ज्योतिष ५ स २४९४ तत्त्वप्रदीपिका टीका अपूर्ण २५ स २४९२ तत्त्वप्रदीपिका तृतीयपरिच्छेदपर्यत ५ स चित्सुखमुनि २४९१ तत्त्वप्रदीपिका प्रथमपरिच्छेद ५२ स चित्सुखमुनि २४९३ तन्वपदीपिका भावोद्योतशिकाटीका ७६ रा सुखपवाश तत्वविवार चउपई ६६८० तत्तसग्रहपतिका २० रा कमलशील ६६७९ तन्त्रसग्रहसूत्र ६६ शातरक्षित ४६८५ तत्त्वसार ११०२७ (१) तत्त्वसार १ प्रा दिगम्बर देवसेन १०५७४ तत्त्वसार वृत्तिसहित अगूर्ण ३६ गु कमलकीर्तिदेव १६९३७ तत्त्वातत्त्वविचार १११०० तत्त्वानि इत्यादि विचारकाव्य सटीक पत्रिपाठ १८०५९ तत्त्वार्थभाष्य ५२ स उमास्वाति बाबा १५८७१ (१) तत्त्वार्थसूत्र १ वाचक उमास्वति १७१८५ (१) तत्त्वार्थसूत्र ८ स १६५९३ तत्त्वार्थसूनभाष्य वृत्तिसह ६५२ स मू उमास्वाति वृ सिद्धरोनगणि १४३९४ तत्त्वार्धसूत्र सस्तबक १७ सगु मू उमास्वाति वाचक १६६२३ तत्त्वार्थसूत्र स्वोपज्ञभाष्यसह ३७ स उमास्वाति वाचक १४०२२ तत्त्वार्थसूत्र स्वोपज्ञभाष्यसहित ५० स वाचक उमास्वाति १८८२२ तत्त्वार्थाधिगम ८ स उमास्वातिवाचक १०५३ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र ६ स उमास्वातिवाचक १०५४ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र ६ स उमास्वाति वाचक १०५५ (२) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र ५३८-५४३ स उमास्वाति वाचक १५०१ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र २ स उमास्वाति वाचक १११०७ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र ५ स उमास्वाति वाचक १२६५३ तत्त्वार्याधिगमसूत्र ६ स उमास्वाति वाचक १५१११ तत्वार्थाधिगमसूत्र ३ स वाचक उमास्वाति १६७६४ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र भाष्य-वृत्ति २८२ स सिद्धसेनगणि १०५५ (१) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र भाष्पटीकासहित ५३७ टी सिद्धरोगणि १३८० तत्त्वार्थाधिगमसूत्र मूभा भाष्यटीकासहित २७९ स उमास्वातिवाचक टी हरिभदरारि प्रारब्ध अने यशोभद्रसूरि पूर्णीकृत १४०९४ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र सावचूरि २३ स मू वाचक उमास्वाति
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
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