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कमाक
५९५७ (१) झाझरीयामुनिनी सज्झाय
११९४४ (३) झवखड़ १८४३७ ञ्यन्तप्रक्रिया ९०९४ (३) टाकरिया
१७३६१
पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जेन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Papur Mss ) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम
कर्ता
पुस्तकनु नाम
१७९३१
१२१००
६५०५
११८६९
१८६४३
१२८२०
११५६१
७३५७
६२०५
५५१४
९८७९
१९१७८
१७५८९ (३) ढढणऋषि स्वाध्याय
१९४७१ ढढणऋषि स्वाध्याय
६४११
ढण्ढणऋषिनी सज्झाय ६४१२ (१) ढण्ढणऋषिनी सज्झाय ५६१२ (२) ढण्ढणऋपिसजाय
१३७४० (१९) ढण्ढणऋपिसज्झाय
५९६२
५४८८
ठाणागसूत्रातर्गत आलापक ठाणा विचार बोल कोष्टक
ढालचिन्तामणि
हरिवशप्रबन्ध अपूर्ण
ढालसागर हरिवशप्रलध
ढुढकझगडाविचार
ढुढकपचीसी
ढुढकपचीसी
ढुढकमतनिराकरण चर्चा
दुढकरास डुकरासो
ढक साथे वाद
ढुण्ढकपचीसी
ढुण्ढकप्रश्नोत्तर सम्पूर्ण ढुण्ढकमतनिराकरणरूप वीरजिनस्तवन सस्तबक
त्रिपाठ दुण्ढियारास
पत्र भाषा
४ गु
७
गु
३
१ गु
५
४०
स
百百百百日
पा
गु
गु
गु
१
२
१ गु
गु
२ गु
२४मु गु
२५ गु
१५० गु
१ गु
२ गु
२ गु १५ प्रा हि
१५ गु
५ गु
७ गु
२ गु
४९-६४ गु
८३ गु
४ गु
२ समगसुन्दर
३ कनककीर्तिवाचक
३ कवि टाकर
सकलचन्द्र
कमलविजय
जिनहर्ष
१ जयकल्याणसूरि २ जिनहर्ष
देवविजय
गुणसागरसूरि
धर्मचन्द्र
जिनेन्द्र
जिनेन्द्र
खुशालविजय उत्तमविजय
जिनेन्द्रविजय
मृ यशोविजयो
पाध्याय
स्त पद्मविजय
क्रमाक
८९९३
ढोलामारवणीचोपाई
१६३००
ढोलामारुचतुष्पदी ढोलामारूचोपई
१३०२८
१३०५०
ढोलामारूनी वार्ता
१२९८४
णिजन्तादिप्रक्रिया
३८७५ (४) त जयउ जए तित्थ स्तोत्र
१८२८४
१८७००
१५८५७
१७०८८
१७७५३
१६८८१
१७५०६
२५३१
१०७१४
सटीक त्रिपाठ
८६८३ (३) ततार द्विजराजत्वे
१०७१५
२४७६
१०७१३
तत्रग्रथ त्रूटक तत्रप्रयोग
२४७५
तदुलवेयालियप्रकीर्णक तदुलवेचारिक प्रकीर्णक तदुलवैचारिक प्रकीर्णक
बालावबोध
तदुलवेचारिक सस्तलक तदूलवेचारिक प्रकीर्णक
श्लोकनवार्थी
तत्त्वचिन्तामणि अनुमानखण्ड
परिच्छेद त्रुट
तत्त्वचिन्तामणि आलाकटीका
प्रथमपरिच्छेद
तत्त्वचिन्तामणि टीका
अनुमानखण्ड तत्त्वचिन्तामणि
तृतीयपरिच्छेद तत्त्वचिन्तामणि
द्वितीयपरिच्छेद
तत्त्वचिन्तामणि
प्रत्यक्षपरिच्छेद
पत्र भाषा
१६ गु
१७ स
२३ गु
१७ गु
४ स
८-१० प्रा जिनदत्तसूरि
१ सहि
४ सगु
१० प्रा
७
प्रा
३ स
४ स
४
गु ३८ प्रागु स्त० पार्श्वचन्द्र
२४ प्रास मू विजयविमलगणि
६४
कर्ता
महोपाध्याय
१२२ स गङ्गेश्वरभट्ट
स
[ १८६ ]
कुशललाभ वाचक
कुशललाभ
कुशललाभ
४७
पार्श्वचन्द्रोपाध्याय
स
जयदेव
महोपाध्याय
६-५६ स गङ्गेश्वरभट्ट
गगेश्वर भट्ट
महोपाध्याय
५९ स गङ्गेश्वरभट्ट