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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम
[१७८ ]
| क्रमाक
पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
क्रमाक
पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा
कर्ता
त्रिपाठ
१५१८३ जीवाभिगमसूत्र
१९७ प्रा सुधर्मास्वामि १५१८६ जीवाभिगमसूत्र
१३५ प्रा सुधर्मास्वामि ६१६ (१४)जीवाभिगमसूत्र पर्याय ६१७ (१४)जीवाभिगमसूत्र पर्याय १४८५४ जीवाभिगमसूत्रवृत्ति २३८ स मयलगिरिसूरि १३६११ जीवाभिगमसूत्र सटीक
३४४ प्रा स मलयगिरिसूरि १४३११ जीवाभिगमसूत्र सस्तबक अपूर्ण
२०६ प्रा गु १०५६१ जीवाभिगमोपागसूत्र १०९ प्रा १२४२१ जीवाभिगमोपाङ्गसग्रहणी ८ प्रा ३५२२ जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र १०२ प्रा ३५२३ जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र अपूर्ण ५ प्रा ४१८८ जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र अपूर्ण ७८ प्रा ५२८२ जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र बोल १३ गु १२९१६ जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र सस्तबक
३४० प्रा गु स्त जिनविजयजी ४३२९ जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र सस्तबक अपूर्ण
१५६ प्रास १९१७७ जीवाभिगसूत्र वृत्ति ३६५ स मलयगिरि
८८०५ (२) जीवास्तित्ववादस्थल २ स १४७२१ जीवोत्पत्तिसज्झाय
२ गु श्रीसार १११५३ (२) जीवोपदेशपञ्चाशिका २-४ प्रा २५९६ (७) जीवोपलम्भकुलक २८-२९ प्रा ८३८९ जुम्माविचार
२ स १७८४९ जेठमलकृत चर्चा
२० गु ३१२२ (७) जेसलमेरभास
३जु गु कोरण्टकगच्छीय
नन्नसूरि
१२१४७ जेसलमेरुदुर्गमण्डनपाश्व'जिनस्तवन
२ स जिनसमुद्रसूरि १७९८१ जैनकुमारसभव
२६ स जयशेखरसूरि १३९८९ जैनकुमारसम्भवकाव्य सटीक
८३ स मू जयशेखरसूरि
टी धर्मशेखर २६५९ जैनकुमारसम्भवमहाकाव्य ३४ स जयशेखरसूरि २६६० जैनकुमारसम्भवमहाकाव्य ३५ स जयशेखरसूरि ४८८१ जेनकुमारसम्भवमहाकाव्य २४ स जयशेखरसूरि २८५८ जैनकुमारसम्भवमहाकाव्य
मू जयशेखरसूरि, सटीक अपूर्ण
३४ स टी धर्मशेखर
महोपाध्याय २४६० जैनतर्कभाषा
२२ स न्यायविशारद
यशोविजयजी २५१८ जैनतर्कभाषा
३० स न्यायाचार्य
यशोविजयोपाध्याय २४६१ (१) जैनतर्कभाषा सम्पूर्ण ४०-५३ स न्यायविशारद
यशोविजयजी १७८८४ जैनधर्मकी प्राचीनता
९ व्रज विजयानदसूरि ९५७०
जैनधर्मप्राचीनताविचार १२६६९ जैनमतवृक्षयन्त्र
१ हिन्दी विजयानन्दसूरि २५८० जैनमेघदूतकाव्य टिप्पणसहित
११ स मेरुतुङ्गसूरि ४८७९ जेनमेघदूतमहाकाव्य ७ स मेरुतुङ्गसूरि ७२३३ जैनमेघदूतमहाकाव्य
स मेरुतुङ्गसूरि २६६१ जैनमेघदूतमहाकाव्य टिप्पणीसहित
१० स अञ्चलगच्छीय
मेरुतुङ्गसूरि