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| क्रमाक पुस्तकनु नाम
पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जेन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper MH)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
पत्र भाषा कर्ता
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क्रमाक
५७२३ जीवविचारस्तवन
५ गु वृद्धिविजय ६०६९ जीवविचारस्तवन
३ गु वृद्धिविजय ९२५६ जीवविचारस्तवन
गु वृद्धिविजय ९४६५ जीवविचारस्तवन
२ गु इन्द्रसौभाग्योपाध्याय ९८४४ जीवविचारस्तवन
३ गु विजयतिलक ११२५८ जीवविचारस्तवन
६ गु वृद्धिविजय ११३७८ जीवविचारस्तवन
४ गु वृद्धिविजय १९७२० (२) जीवविचार स्तवन
४-१० गु वृद्धिविजय ६०६८ जीवविचारस्तवन किञ्चिदपूर्ण ६ गु १४४२१ (२) जीवविचारादिप्रकरण ६९ प्रास ११८१ जीवसमासपकरण
९ पा ४४०३ जीवसमासप्रकरण
७ पा शीलाङ्काचार्य १५७९२ जीवसमासप्रकरण
८ प्रा ३५६३ (२) जीवसमासप्रकरण अपूर्ण ६-१५ प्रा शीलानाचार्य ३६१३ (२) जीवसमासप्रकरण अपूर्ण ९-१७ प्रा शीलाङ्काचार्य ६९५१ जीवसमासपकरण
वृ मलधारी बृहद्वृत्तिसहित
११७ प्रास हेमचन्द्रसूरि ६९५२ जीवसमासप्रकरण मूल १६ प्रा ११८२ जीवसमासप्रकरण सटीक १४० प्रास टी मलधारी
हेमचन्द्रसूरि ११८३ जीवसमासप्रकरण सावचूरि पत्रपाठ
५ प्रास १९७० (३) जीवस्यापकुलक
२५ पा १११४० (१। जीवरस्थापनाकुलक
४ प्रा ११०४९ जा रूपरयापनाकुलक १ प्रा १११५३ (१३)।। गन
११-१२ प्रा वादिदेवसूरि १४३२ नासनपकरण म्वोपज्ञ टीकासहित
५५ प्रास देवमूरि
७०१४ जीवानुशासनप्रकरण स्वोपज्ञवृत्तिसहित
४ प्रास देवसूरि ९३० जीवानुशासन सटीक ५४ प्रास देवसूरि स्वोपज्ञवृत्ति २५९६ (१२)जीवानुशास्तिकुलक ३१-३२ प्रा जिनसूरि २००२५ जीवापात्रीसीनी सज्झाय २ १८०५८ जीवाभिगम उपाग सस्तबक
२९२ प्रागु २३५ जीवाभिगमउपाङ्गसूत्र १४३ प्रा २३६ जीवाभिगमउपासूत्र
९३ प्रा २३७ जीवाभिगमउपाङ्गसूत्र
१३८ प्रा १००१४ जीवाभिगमउपाङ्गसूत्र ८८ पा १०१३० जीवाभिगमउपाङ्गसूत्र ११४ प्रा २३८ जीवाभिगमउपाडसूत्रवृत्ति ३९३ स मलयगिरि ७४० जीवाभिगमउपाङ्गसूत्रवृत्ति
२१८ स मलयगिरि जीवाभिगमउपांडसूत्रवृत्ति द्वितीय खण्ड
२२५ स वृ मलयगिरि २४१ जीवाभिगमउपाङ्गसूत्रवृत्ति प्रथम खण्ड
१२० स व मलयगिरि २४३ जीवाभिगमउपाङ्गसूत्रवृत्ति पथम खण्ड
१४६ स वृ मलयगिरि २४० जीवाभिगमउपागसूत्र
वृत्तिसहित त्रिपाठ द्वितीय खण्ड
२६९ प्रास वृ मलयगिरि २३९ जीवाभिगमउपाङ्गसूत्र
वृत्तिसहित त्रिपाठ पथम खण्ड
१४८ पास वृ मलयगिरि ७१११ (७) जीवाभिगमपर्याय ७१११ (२७)जीवाभिगमवृत्तिपर्याय ७४-७६
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