________________
[ १२७ ]
पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम । पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा
कर्ता
क्रमाक
१९०२९ गुरुविचार (गुरुदेवका फल) ३ हिदी १११५३ (१५)गुरुविरहविलापस्तुति १२-१४ प्रा वादिदेवसूरि ९२५० (२) गुरुसज्झाय
१ गु २ उदयसागर ९३१५ (२) गुरुस्तुतिआदि ९०२ (५१) गुरुस्तुतिकुलक २३६-२३७ प्रा ३३१८ (४) गुरुस्तुतिकुलक
१४मु मिश्र १४१६० गुरुस्तूप-प्रतिमाप्रतिष्ठाविधि १ स १४२२६ गुरुस्तूपप्रतिष्ठाविधि
१ स ११०६७ गुरुस्थितिकुलक ९२१२ (४) गुरुस्वाध्याय
२ गु ४ विनयविजय ११३३२ (२) गुरुस्वाध्याय
२ गु कनकविजय १५५३० गुरुस्वाध्याय
२ गु मानसागर १११४४ गुरूगुणपत्रिशत्षत्रिशिका सावचूरि त्रिपाठ
१ प्रास १२३१५ गुरूनामगर्भितकमलबन्ध
राजविमलोपाध्यायमहावीरस्तोत्र
१ स शिष्य ८६८३ (१) गुजरश्वरकरणराजस्तुतिकाव्यादि काव्य सटीक
३ स ११७३१ गुर्वावलि-त्रिदशतरङ्गिणी टिप्पणीसहित अपूर्ण
स मुनिसुन्दरसूरि ११३४७ गुर्वावलिपूर्ति
२८ स चारित्रविजय १६६४२ गुर्वावली-त्रिदशतरङ्गिणी २० स मुनिसुन्दरसूरि
७७५ (२५)गुर्वावली खरतरगच्छीय ३८-३९ प्रा १४८२७ (८) गुर्वावलीस्वाध्याय २१-३१ गु १३६९७ गूढा टिप्पणीसह
३ गु ८१७३ गृहचेत्यबिम्बलक्षणादि १ स ८९१२ (२) गृहद्वारविषयक शिल्पादि १९२०४ गृहबिबप्रवे। धि
सप्रा
११९६६ गृहबिम्बप्रवेशविधि १४४९१ गृहबिम्बप्रवेशविधि ५०८७ गृह्यसूत्र अपूर्ण
२२ स १९५९१ गोचरीना ४२ दोष गाथा सस्तबक
२ प्रागु ५२९७ गोचरीना ४२ दोष टबार्थसहित ३ प्रागु १९८९ गोचरीना ४२ दोष सयणासण. गाथासार्थ
२ प्रागु ५२९३ गोचरीना ४७ दोषनी गाथा . सस्तबक
२ प्रागु ११४१६ गोचरीना ४७ दोषनी सज्झाय २ गु ५०३९ गोचरीना ५७दोषनी गाथाओ
बालावबोधसहित पचपाठ २ प्रागु ३८३७ गोचरीना दोष बालावबोधसहित त्रिपाठ
२ प्रागु १११२२ (३) गोचरीना दोषो।
३ गु १६४७१ गोचरीना बेंतालीस दोष सस्तबक
२ प्रागु ६२८३ (२) गोडीगीत
४ गु नित्यलाभ १२०७७ गोडीचानु स्तवन किञ्चिदपूर्ण ७ गु २०२८ (१) गोडीचा पार्श्वनाथ छन्द त्रुटक १ गु कुशललाभ २०२८ (२) गोडीचा पार्श्वनाथ छन्द सम्पूर्ण १ गु कुशललाभ १२५५८ गोडीजीना ढाळिया
१२ गु नेमविजय ९९३१ गोडीजीनु स्तवन
८ गु नेमविजय १२११२ गोडीजीनु स्तवन
१४ गु रङ्गविजय ११७८४ (१) गोडीजीनो छन्द
१ गु १ उदयरल ११५१३ गोडीपार्श्वजिनछन्द
२ गु जीतविजय १३७४० (२८) गोडीपार्श्वजिनवृद्धस्तवन ३९-४० गु समयरङ्ग