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पाटणमा श्रीमपदाचार्ग जेन शाशमंदिरस्थित कागल उपरना हस्ततिरिरात (PrerMN)२००३५ गयोनो आकारादिकम पुग्तान नाम पर भापा का क्रमांक पुस्तकनु नाम
पर भाषा
कर्ता
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१७५३८ तरिकपार्थनाथद
५ गु. भावविजय वाचक १९५८७ परीक्षपाशायद
२ ग भावविजय १८२५७ अतर्दशा फरा १६६७६ अंबाकथा
१७ गु जयमेरु १६६५९ अंबडचरित्र
* स. मुनिरलसूरि १६८७५ अंबडचरित्र
मुनिरलसूरि १७८०३ अबड चरित्र
स मुनिरत्नसूरि १९०५३ अवड चरित्र पध
३२ सं मुनिरलसूरि १५६५२ अवडरास
५२ गु भावप्रभसूरि ९१०७ अइमत्ताकषिभास १७५२२ अइमत्ता रास
नारायण मुनि १८७४६ अकलकाष्टक स्तोत्र १३७५ (१) अकलङ्गदेवाष्टक १३७५ अकलदेवाष्टकादि अष्टको ६ स १३८५८ अक्षयतृतीयाकथा
३ स क्षमाकल्याण १३९७३ अक्षयतृतीयाकथा-२ (२५-२६) स १४३५० अक्षयतृतीयाकथा
७ गु १४५२२ (५) अक्षयतृतीयाकथा २५-२८ स १२५६९ । अक्षयतृतीयाकथानक गद्य ५ स कनककवि १४४७ अक्षयतृतीयाव्याख्यान १ स १८५८८ अक्षयतृतीया व्याख्यान ३ स क्षमाकल्याण पाठक ६१५७ अक्षयनिधितपस्तवन तथा विधि
२ गु पद्मविजय १२६२४ अक्षयनिधितपस्तवन तपोविधिसहित
६ गु वीरविजय ८९१० अक्षरचिन्तामणि-कालज्ञान ५ स शिबि १९८४८ अक्षरनाम माला-अमरकोष ६८ ४०६ १८२३७ अक्षरबत्तीसी
२ हिदी भगौतीदास
१३८१६ अक्षरबजीसी
१ गु विद्यापितास ८११४ (१) अगडदत्तकथा १५३३८ अगडदत्तचतुष्पदी
६ गु पुण्यनिधान १४३७१ अगडदत्तचोपाई
१३ गु जिनकुशल १२४५७ अगियार अगनी सज्झायो ५ गु विनयचन्द्र १२४७० अगियार अगनी सज्झायो ७ गु यशोविजयोपाध्याय १२४७८ अगियार अगनी सज्झायो
विनयविजयजी अपूर्ण
५ गु तथा यशोविजयजी ६१६३ अगियारगणधरदेववन्दनविधि १६ गु ज्ञानविमल १२०७२ अगियारगणधरनमस्कार
स्तवन-स्तुति ६१६५ अगियारसनी सज्झाय पचमहावतनी सज्झाय आदि
उदयरल सज्झायसग्रह ४-१७ गु कान्तिविजय आदि ६४०० (३) अगीयार अगनी सज्झाय ९मु गु ज्ञानविमलसूरि ६२६२ अगीयार अगनी सज्झायो ५ गु यशोविजयोपाध्याय ६२६३ अगीयार अंगनी सज्झायो ५ गु यशोविजयोपाध्याय ५९४० (२) अगीयारअङ्ग १२ उपाङ्गसज्झाय
७ गु ज्ञानविमलगणि ५९९६ (३) अगीयारगणधरस्वाध्याय
जिनविजय ५९९६ (८)अगीयारसचैत्यवन्दन
जिनविजय ५९९६ (९) अगीयारस स्तुति
जिनविजय ८८०८ अग्निशीतत्वस्थापनवादस्थल १ स १९८५३ अग्यारस, पाचम, बीज आदिनी स्तुति
२ ४०६ १९८५२ अग्यारसनी स्तुति
१ ४०६ ३८४३ अघटकथा श्लोकबद्ध ४७२३ अघटकुमार-धनपति-मदिरावतीपञ्चपूतरककथा
२-७ स