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________________ [ १०५ ] पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक १२८३७ (२) कातन्त्रव्याकरण गणपाठ विवरणसहित २४८-२७६ स १२८३८ (२) कातन्त्रव्याकरण गणपाठ । विवरणसहित २६१-२७९ स ११७०० कातन्त्रव्याकरणचतुष्कवृत्ति टिप्पणीसहित त्रुटक अपूर्ण ११-३४ स १५६७३ कातन्त्रव्याकरणचतुष्क वृत्तिटिप्पनिका गोल्हणटीका अपूर्ण ६३ स गोवर्धन पण्डित ३७६७ कातन्त्रव्याकरण चतुष्कवृत्ति दौर्गसिहीवृत्ति ६२ स दुर्गसिह ९७२ कातन्त्रव्याकरण चतुष्कवृत्ति बालावबोधवृत्ति १७ स वृ मेरुतुङ्गसूरि ३७०० कातन्त्रव्याकरणचतुष्कवृत्ति अञ्चलगच्छीय बालावबोधवृत्ति २५ स मेरुतुङ्गसूरि ३७०१ कातन्त्रव्याकरणचतुष्कवृत्ति अञ्चलगच्छीय बालावबोधवृत्ति २१ स मेरुतुङ्गसूरि ९७४ कातन्त्रव्याकरण चतुष्कवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक, (चतुष्कवृत्तिढुण्ढिका) ३० सगु वृ मेरुतुङ्गसूरि ९६४७ कातन्त्रव्याकरणचतुष्कवृत्ति स्वोपज्ञबालावबोधवृत्तिटिप्पनक चतुष्कवृत्तिदुण्ढिका २४ स मेरुतुङ्गाचार्य ९६४८ कातन्त्रव्याकरणचतुष्कवृत्ति स्वोपज्ञबालावबोधवृत्तिटिप्पनक चतुष्कवृत्तिदुण्ढिका ३३ .स मेरुतुङ्गाचार्य १४९९९ कातन्त्रव्याकरणचतुष्कव्यवहार- । वृत्ति तद्धितप्रकरण पर्यन्त ९३ स धनप्रभसूरि १०४३१ कातन्त्रव्याकरण दुर्गसिह आख्यातवृत्ति ३९ स दुर्गसिह १५११७ कातन्त्रव्याकरणदुर्गसिहवृत्ति तद्धितपर्यन्त त्रुटक ५६-८२ स दुर्गसिह १०४३० कातन्त्रव्याकरण दुर्गसिहवृत्तिसहित प्रथमवृत्ति २-३७ स दुर्गसिह १५२५४ कातन्त्रव्याकरणदौर्गसिहीवृत्ति ५-५५ स दुर्गसिह १२८३९ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति कृवृत्ति टिप्पणीसहित त्रुटक ७७-१०१ स दुर्गसिह ६७८४ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति-चतुष्कवृत्ति - टिप्पनिका-गोल्हणवृत्ति १२९ स गोल्हण १०३७ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति आख्यातवृत्ति ६० स दुर्गसिह १०३६ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति चतुष्कवृत्ति ३६ स दुर्गसिह ३७६८ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति पञ्चसन्धि अपूर्ण ३-३८ स दुर्गसिह ३९३४ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवत्ति प्रथम सन्धि १३ स दुर्गसिह १५२६३ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति युष्मद्अस्मद्तद्धितपर्यन्त ४९-११२ स ३८१३ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति सहित आख्यातवृत्ति अपूर्ण ११५ स दुर्गसिह १६५९ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिहीवृत्ति । सहित कृद्वृत्ति पर्यन्त ७९ स दुर्गसिह सानि
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
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