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________________ [०४ ] पाटणमां श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रप पुस्तकनु नाम | पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता | क्रमाक २४३९ (७) काकपाताकप्रबन्ध-वलभीवृत्त सम्बद्ध ७-८ ८९०६ (१) काकपिण्डविचार ४ गु ९७६६ काकपिण्डविचार १ स गर्ग १४६९५ काकभाषा ८९०७ (२) काकरुत ४-५ दिवाचार्य ८९०८ काकरुत १६१५५ काकरुत १४६६८ (२) काकशकुनविचार २७९४ काकशकुनावली २ १८३९९ कातंत्र द्वयाश्रयावचूरि १० १८४७९ कातत्र लघुवृत्ति अपूर्ण ४३ स १६२०७ कातत्रविभ्रम सटीक-सारस्वत व्याकरणानुसारिणी टीका ८ स १७४०१ कातत्रव्याकरण बालावबोध वृत्ति अष्टमपाद पर्यंतआख्यात वृत्ति १५ स मेरुतुगाचार्य १८७८९ कातत्रव्याकरण वृत्ति ७६ स दुर्गसिह ३७६२ (३) कातन्त्रधातुपाठ २१-३१ स ३७६२ (२) कातन्त्रलिङ्गानुशासन १७-२१ स १०६७७ कातन्त्रलिङ्गानुशासन ४ स दुर्गात्मज १३१७९ कातन्त्रविभ्रम सटीक त्रिपाठ २-९ स ८६७८ कातन्त्रविभ्रमसूत्र सटीक ८ स ६७८५ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्तिटिप्पनिका १११ स मोक्षेश्वर भट्ट ९०३ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति दौर्गसिहीवृत्तिसहित ७ स व दुर्गसिह ६७८२ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्तिपञ्जिकोद्योत अपूर्ण २५ स प त्रिविक्रम २८७१ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति प्रथमपाद दौर्गसिहीवृत्तिसहित सावचूरि पञ्चपाठ १४ स दुर्गसिह ९७३ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति बालावबोधवृत्ति १४ स तू मेरुतुङ्गसूरि १४७१५ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति बालावबोधवृत्ति अने टिप्पणीसह २-२१ स वृ मेरुतुङ्गसूरि ९७५ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक, (आख्यातवृत्ति टिप्पनक) २१ सगु वृ मेरुतुङ्गसूरि २५५८ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक आख्यातवृत्ति दुण्डिका २८ स मेरुतुङ्गसूरि ३७०२ कातन्त्रव्याकरणआख्यातवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक अञ्चलगच्छीय आख्यातवृत्ति ढुण्ढिका २४ स मेरुतुगसूरि ९६९० कातन्त्रव्याकरणउणादिगणवृत्तिसहित २७ स दुर्गसिह १०६७४ कातन्त्रव्याकरण कूवत्ति ५२ स ६७८६ कातन्त्रव्याकरण कृवृत्तिटिप्पनिका ९३ स मोक्षेश्वर भट्ट ९७६ कातन्त्रव्याकरण कृवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक, (कृवृत्तिनुण्ढिका) ११ स गु वृ मेरुतुगसूरि ३७०३ कातन्त्रव्याकरणकृवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्तिटिप्पनक अञ्चलगच्छीय कृवृत्ति दुण्ढिका अपूर्ण १३ स मेरुतुगसूरि
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
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