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पाटणमां श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रप पुस्तकनु नाम | पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
| क्रमाक
२४३९ (७) काकपाताकप्रबन्ध-वलभीवृत्त सम्बद्ध
७-८ ८९०६ (१) काकपिण्डविचार
४ गु ९७६६ काकपिण्डविचार
१ स गर्ग १४६९५ काकभाषा ८९०७ (२) काकरुत
४-५ दिवाचार्य ८९०८ काकरुत १६१५५ काकरुत १४६६८ (२) काकशकुनविचार २७९४ काकशकुनावली
२ १८३९९ कातंत्र द्वयाश्रयावचूरि १० १८४७९ कातत्र लघुवृत्ति अपूर्ण ४३ स १६२०७ कातत्रविभ्रम सटीक-सारस्वत
व्याकरणानुसारिणी टीका ८ स १७४०१ कातत्रव्याकरण बालावबोध
वृत्ति अष्टमपाद पर्यंतआख्यात वृत्ति
१५ स मेरुतुगाचार्य १८७८९ कातत्रव्याकरण वृत्ति ७६ स दुर्गसिह ३७६२ (३) कातन्त्रधातुपाठ
२१-३१ स ३७६२ (२) कातन्त्रलिङ्गानुशासन १७-२१ स १०६७७ कातन्त्रलिङ्गानुशासन ४ स दुर्गात्मज १३१७९ कातन्त्रविभ्रम सटीक त्रिपाठ २-९ स ८६७८ कातन्त्रविभ्रमसूत्र सटीक ८ स ६७८५ कातन्त्रव्याकरण
आख्यातवृत्तिटिप्पनिका १११ स मोक्षेश्वर भट्ट ९०३ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति दौर्गसिहीवृत्तिसहित
७ स व दुर्गसिह ६७८२ कातन्त्रव्याकरण
आख्यातवृत्तिपञ्जिकोद्योत अपूर्ण
२५ स प त्रिविक्रम
२८७१ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति
प्रथमपाद दौर्गसिहीवृत्तिसहित सावचूरि पञ्चपाठ
१४ स दुर्गसिह ९७३ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति बालावबोधवृत्ति
१४ स तू मेरुतुङ्गसूरि १४७१५ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति
बालावबोधवृत्ति अने टिप्पणीसह
२-२१ स वृ मेरुतुङ्गसूरि ९७५ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति
स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक,
(आख्यातवृत्ति टिप्पनक) २१ सगु वृ मेरुतुङ्गसूरि २५५८ कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति
स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक आख्यातवृत्ति दुण्डिका
२८ स मेरुतुङ्गसूरि ३७०२ कातन्त्रव्याकरणआख्यातवृत्ति
स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक अञ्चलगच्छीय
आख्यातवृत्ति ढुण्ढिका २४ स मेरुतुगसूरि ९६९० कातन्त्रव्याकरणउणादिगणवृत्तिसहित
२७ स दुर्गसिह १०६७४ कातन्त्रव्याकरण कूवत्ति ५२ स ६७८६ कातन्त्रव्याकरण कृवृत्तिटिप्पनिका
९३ स मोक्षेश्वर भट्ट ९७६ कातन्त्रव्याकरण कृवृत्ति
स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति
टिप्पनक, (कृवृत्तिनुण्ढिका) ११ स गु वृ मेरुतुगसूरि ३७०३ कातन्त्रव्याकरणकृवृत्ति
स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्तिटिप्पनक अञ्चलगच्छीय कृवृत्ति दुण्ढिका अपूर्ण १३ स मेरुतुगसूरि