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________________ ६७२ भिपकर्म-सिद्धि गुण-इस तेल के अभ्यग से ८० वर्ष का वृद्ध मनुष्य भी बलवीर्यादि सम्पन्न हो जाता है, वंध्या स्त्री गर्भ धारण करती है, नपुंसक मनुष्य पुंस्त्व प्राप्त करता है तथा नंतानहीन संतान प्राप्त करता है। भल्लातक तेल-भिलावा, बडी कटेरी का फल तथा अनार के फल का हिल्का इनको समभाग में लेकर १ सेर कल्क बनावे, ४ मेर सरसो का तेल और १६ सेर जल डालकर तल का पाक करे । तैलमात्र शेप रहने पर उतार कर छान ले । यह एक तिला है जिसका जननेन्द्रिय पर मालिश करने से उसमें दृढता __ एव स्थूलता आती है। " वसायोग-केवल शूकर की चर्बी का जननेन्द्रिय पर मालिश कर पान के पत्तो से आवृत कर रखे । इससे भी लाभ होता है । करभवारुणी मूल-ऊँटकटेला की जड़ को एक सप्ताह तक बकरी के दूध में भिगो कर एव पीस कर जननेन्द्रिय पर लेप करने से शैथिल्य नही आता है। दशमूलारिष्ट्र-ववाथ्य द्रव्य दशमूल की प्रत्येक औपधि २०-२० तोले चित्रक की जड़ की छाल और पुष्कर मूल १००-१०, तोले, पठानी लोध तथा गिलोय ८०-८० तोले, आंवले ६४ तोले, जवासा ४८ तोले, खैर की छाल, विजय, सार, गुठली रहित बडी हरड प्रत्येक ३२ तोले, कूठ, मजीठ, देवदारु, वायविडङ्ग, मुलेठी, भारगी, कैथ के फल को मज्जा, बहेरा, पुनर्नवा की जड, चव्य, जटामांसी, फूलप्रियङ्ग, सारिवा, काला जीरा, निशोथ, सम्भालू के बीज, रास्ना पिप्पली, सुपारी, कचूर, हरिद्रा, सौफ, पदुमकाठ, नागकेसर, नागरमोथा, इन्दजी, काकडामीगो, जीवक, ऋपमक, मेदा, महामेदा, काकोली, क्षोरकाकोली, ऋद्धि-वृद्धि प्रत्येक ८-८ तोले लेकर जो कुट करे। फिर आठ गुने जल मे डालकर क्वाथ चौथाई शेप रखे । फिर इस क्वाथ में मुनक्के का क्वाथ अलग बनाकर मिलावे एतदर्थ ३ सेर मुनक्का लेकर पीसकर उमको चौगुने जल में ग्वौलावे, तृतीयाश शेप रहने पर उतार कर छान ले। इन दोनो क्वाथो के मिलाने के अनन्तर उसमे १२८ तोले महद और २५ मेर गुड को चूर्ण कर मिलावे । फिर उनमे धाय के फूल १२० तोले, गीतल चीनी, नेत्रवाला, श्वेत चदन, जायफल, लवङ्ग, दालचीनी, छोटी इलायची, तेजपत्र, नागकेसर और छोटो पिप्पल प्रत्येक का चूर्ण ८-८ तोले और पस्तूरी ३ मामा प्रक्षिप्त करे। फिर स्निग्य एवं धूपित भाड में सम्पूर्ण को भर भाण्ड पे मन पर टक्कन रखकर कपडमिट्टी करके जमीन के भीतर गाडकर एक मास तक धान करे । पश्चात् सिद्ध ओपधि को छान कर उसमे ४ तोले
SR No.010173
Book TitleBhisshaka Karma Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamnath Dwivedi
PublisherRamnath Dwivedi
Publication Year
Total Pages779
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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