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________________ -भगवान् महावीर ● ३० ८ --- राजगृह - मगध की राजधानी थी । ९ - रोरुक सौवीर - जो बाद को रोरु जिससे वर्तमान काल का सूरत निकला है । उस व्यापार की बड़ी भारी मण्डी थी । १० -- सागल —— उत्तर पच्छिम में था इसके राजा ने सिकन्दर बन गया और समय भी यह का सामना किया था । ---- ११ - साकेत – जो उन्नाव जिले के तट पर सुजानकोट के स्थान पर पहचाना गया है । १२ – श्रावस्ती - यह बुद्धकाल के छः प्रसिद्ध शहरो में -से एक थी । अन्तर्गत सई नदी के १३ – उज्जैन -- यह मालवे का प्रसिद्ध शहर था । १४ - वैशाली - - इसका घेरा १२ मील था । उस समय की ग्राम रचना 1 प्रोफेसर रिस डेविड्ज़ अपनी "बुद्धिस्टिक इंडिया" नामक पुस्तक मे उस समय के गावो का वर्णन करते हुए लिखते हैं कि उस काल में सब गांव प्रायः एक ही तरीके के बनाये जाते थे । सारी बस्ती को एक जगह इकट्ठी करके उसको गलियो में बाँटा जाता था, गांव के समीप वृक्षो का एक झुंड रखा जाता था । उन वृक्षो को छांह में ग्राम पंचायत की बैठक हुआ करती थी । बस्ती के आस पास खेती की जमीन होती थी, गोचर भूमि पब्लिक प्रापर्टी में रक्खी जाती थी। जंगल का एक टुकड़ा इस लिये छोड़ दिया जाता था कि जहां से प्रत्येक व्यक्ति जलाने के लिये ईंधन ला सके | सब लोग अपने अपने पशु अलग अलग
SR No.010171
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraraj Bhandari
PublisherMahavir Granth Prakashan Bhanpura
Publication Year
Total Pages435
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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