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पृष्ट
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पाराणिक खण्ड प्रथम अध्याय नगवान् के पूर्वभव ...
१९३ भगवान महावीर का जन्म
२०७ भगवान् महावीर का भ्रमण
२१३ गौशाला की कथा . वैवल्य प्राप्ति और चतुर्विध संघ की स्थापना
२३० श्रेणिक को सम्यक भौर मेधकुमार तथा नन्दिशेण को दिक्षा २४४ प्रभु का अंतिम उपदेश
... २८२ दार्शनिक खण्ड प्रथम अध्याय जैन धर्म और महिसा ..
२८९ अहिंसा का अर्थ
२९७ अहिंसा के भेट गृहन्य का स्थूल अहिसा धर्म मुनियों की सूक्ष्म अहिंसा
जैन अहिंसा और मनुष्य-प्रकृति दूसरा अध्याय स्याहाट आन
३१७ शंकराचार्य का आक्षेप ... सप्तभंगी ...
३२९ तीसरा अध्याय
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