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धर्म और नीति (अहिंसा) ३५
जो भय और वैर से मुक्त हैं वे किसी भी प्राणी की हिंसा नही
करते हैं।
११४ जीवन अनित्य है क्षण भगुर है फिर क्यो हिंसा मे आसक्त
होते हो?
११५
सभी प्राणी सुख के अभिलापी है ।
प्राणियो के प्रति आत्मतुल्य भाव रक्खो
११७ समस्त जीवो पर मंत्री भाव रक्खो
११८ किसी भी प्राणी के साथ वैर विरोध न वढावे ।