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धर्म और नीति (अहिंसा) ३१
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प्राणि किससे भय पाते हैं ?
दुख से दुःख किसने किया है ? स्वयं आत्मा ने अपनी ही भूल से ।
१०१ एक त्रस जीव की हिंसा करता हुआ आत्मा तत्संवन्धी अनेक जीवो की हिंसा करता है ।
१०२ एक अहिंसक ऋषि की हिंसा करने वाला एक प्रकार से अनन्त जीवो की हिंसा करने वाला होता है ।
१०३ कुछ लोग प्रयोजन से हिंसा करते हैं और कुछ लोग विना प्रयोजन भी हिंसा करते हैं।
१०४ कुछ लोग क्रोध से हिंसा करते हैं कुछ लोग लोभ से हिंसा करते हैं कुछ लोग अनान से हिंसा करते है।
१०५ हिंसा के कटु फल को भोगे विना छुटकारा नही ।