________________
परलोक
९५६ जिन्हे तप, सयम, क्षमा और ब्रह्मचर्य प्रियकर है, वे शीघ्र ही देवलोक को प्राप्त होते हैं। भले ही पिछली अवस्था में ही क्यों न प्रवजित हुये हों ?
उस मरने वाले व्यक्ति ने जो भी कम किया है-शुभ या अशुभ उसी के साथ वह परलोक मे चला जाता है।
६६१ गह मे निवास करता हुआ गृहस्थ भी यथा-शक्ति प्राणियों के प्रति दयाभाव रखे। सर्वत्र समता धारण करे, नित्य जिन वचन का श्रवण करे, तो वह मृत्यु के पश्चात् दिव्य गति मे उत्पन्न होता है।