________________
धर्म और नीति (धर्म) १५
४६
संसार मे चार साधनो का मिलना दुर्लभ है, मनुष्यत्व, धर्म, श्रवण, श्रद्धा और सयम मे पुरुपार्थ ।
जो रात और दिन एक बार अतीत की ओर चले जाते हैं वे फिर कभी वापिस नही लौटते । जो मनुष्य धर्म करते है उसके वे रात दिन सफल हो जाते हैं।
जो रात और दिन एक वार अतीत की ओर चले जाते है वे कभी वापिस नही लौटते जो मनुष्य अधर्म पाप करता है उसके वे रात दिन निष्फल जाते हैं।
५२ जव तक बुढापा नहीं सताता जव तक व्याधियां नही बढ़ती जब तक इन्द्रिया हीन अशक्त नहीं होती तब तक धर्म का आचरण कर लेना चाहिए। .
जो पथिक विना पाथेय लिये ही लम्बी यात्रा पर चल पडता है, वह आगे जाता हुआ भूख तथा प्यास से पीडित हो कर अत्यन्त दु.खी होता है।
५४ इसी प्रकार जो मनुष्य विना धर्माचरण किये परलोक जाता है वह भी वहाँ नाना प्रकार के आधिव्याधियो से पीड़ित होकर अत्यन्त दुःखी होता है।