________________
महापुरुष
७२५ जो भगवान की आज्ञा में विश्वास करता है वही महापुरुष है।
७२६ जो भोगो से दूर रहते हैं वे ही श्रेष्ठ महापुरुष है ।
७२७ बुद्धिमान पुरुष ही भोगों को छोड़ता है ।
७२८
बुद्धिमान और आत्मार्थी पुरुप अपनी ममत्व बुद्धि को हटादे, यही महापुरुषो का पंथ है।
७२६ महात्मा पुरुष न तो हर्ष से अभिमानपुरुष हो और न दुःख से दीन हो।
७३० सम्यग्दर्शी वीर पुरुष नीरस और निस्वाद भोजन का आहर करते है।