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अध्यारम और दर्शन (वाणीविवेक) २२३
६८२ काने को काना, नपुंसक को नपु सक, रोगी को रोगी, चोर को चोर कहना सत्य है पर ऐसा नही कहना चाहिए इससे उन व्यक्तियो को दुख पहूचता है ।
६८३ लम्बे समय तक वार्तालाप नही करे।
६८४ असभ्यता के साथ मत बोलो।
६८५ सुव्रती अल्प ही बोले ।
६८६ पूछने पर सावद्य न बोले ।
६८७ जो गोपनीय हो उसे नही बोलना चाहिए ।
६८८ गभीर विचार करके बोले ।
६८६
कोई दूसरा वोलता हो तो उसके बीच न बोले ।
६६० नही पूछा हुआ नहीं बोले ।