________________
६५६ कठोर वचन न बोले ।
वाणीविवेक
६६०
अपने से बड़े गुरुजन जव बोलते हो विचार चर्चा करते हो तो उनके बीच मे न बोले ।
६६१
जो विचार पूर्वक बोलता है, वही सच्चा निर्ग्रन्थ है |
६६२
जो विचार पूर्वक नही बोलता है, उसका वचन कभी असत्य से दूषित हो सकता है |
६६३
जो कुछ बोले पहले विचार कर बोले ।
६६४
जो गोपनीय बात हो वह नही कहनी चाहिए ।
६६५
तू तू जैसे अभद्र शब्द कभी नही बोलने चाहिए ।