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सत्संग
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सत्संग से धर्म, श्रवण से तत्व ज्ञान, तत्वज्ञान से विज्ञान - विशिष्ट तत्व बोध, विज्ञान से प्रत्याख्यान, सासारिक पदार्थों से विरक्ति प्रत्याख्यान से संयम, संयम से अनाश्रव, नवीन कर्म का अभाव अनाश्रव से तप, तप से पूर्वबद्ध कर्मों का नाश, पूर्वबद्ध कर्म नाश से निष्कर्मता, सर्वथा कर्म रहित स्थिति और निष्कर्मता से सिद्धि अर्थात् मुक्त स्थिति प्राप्त होती है ।
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हमेशा साधु के साथ ही सत्संग करो ।