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धर्म और नीति (मंगल) ५
सिद्धों को नमस्कार ।
आचार्यों को नमस्कार
उपाध्यायों को नमस्कार
सर्व साधुओं को नमस्कार
मंगल चार हैं-अरिहन्त सिद्ध साधु और केवल प्ररूपित धर्म ।
१४ संशयातीत तुम्हे नमस्कार हो ।
धर्म सबसे उत्कृष्ट मगल है।
पाप कर्म न करना ही वस्तुत. परम मंगल है ।