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१ क्या हुआ यदि मनुज तन भी,
पा लिया संसार में । ___ खा रहे नित ठोकरें,
अज्ञान के अन्धकार में ।।
२ ज्ञान के अनुराग का मुश्किल,
है मन में जागना, जिसके विना अति कठिन है,
मिथ्यात्व का मोह त्यागना ।।
३. शास्त्र फिर ऐसा सुने,
जो हिंसा से बचा देवे । क्षमा और तप को जो,
मन में ज्योति जगा देवे ।।
४ जोपन के लिए मिय्या श्रुति,
भव भव में रहती दुखदा । ★ महायोर ने यह सुवचन,
प्रिय शिष्य गौतम से कहा ।।