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असंविभागी=चीज को न बांटने वाला । अप्रीतिकर अप्रिय । वल्कल=वृक्ष की छाल । ममता सब पर नमभाव रखना । आयुष्य =आयु । अधोलोक नीचे का लोक-नरक आदि । अनिष्ठ-अहित । जनपद सत्य --प्रत्यंगा देग की मान्य भाषा में बोलना। सम्मत =जो शब्द जिस अर्थ में प्रयुक्त होता है उसे उसी
तन्ह मान्य गर में बोलना। चापना - किनी भी बस्तु या व्यक्ति की आरति आदि
को उनी कप में पहना । नाम :- गा रहित होने पर भी किनी पन्तु व व्यक्ति को
उन नाम से पुकारना । प. बाजारपया वेप को देय पर उगे ने ही पहना । प्रतीनः किनी पाया व्यक्ति को अपेक्षा ने अलग