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३४. गाथा अह अहिं ठाणेहिं
सिक्खा सीले त्ति वुच्चई । अहस्सिरे सया दन्ते
न य मम्ममुदाहरे ॥
उत्त० अ० ११ गा० ४
अर्थ
आठ गुणों से व्यक्ति शिक्षाशील कहलाता है। जो अकारण ही नहीं हंसता रहता हो अर्थात् जो गम्भीर रहता हो । जो इन्द्रियों का विजेता हो । जो दूसरे का मर्म नहीं कहता हो।