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३०. गाया
विवत्ती अविणीअस्स ___संपत्ती विणिअस्स य। जस्सेयं दुहओ नायं
सिक्खं से अभिगच्छइ॥
दश० अ० ९ उ० २ गा० २२
अर्य
अविनीत को विपत्ति और विनीत को सम्पत्ति मिलती है । इन दो बातों को जिसने जान लिया है वही सच्ची शिक्षा प्राप्त कर सकता है।