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खजाने मे से एक-एक अमृत कण निकाल कर मानव अध्यात्म शान्ति का अनुभव कर सकता है । प्रस्तुत पुस्तक के लेखक राज्यस्थान केमरी प० श्री पुरकर मुनिजी म के सुशिष्य कनिवयं साहित्य सर्जक पण्डित मुनि श्री गणेश मुनि जी हैं । वे अनेक साधुवाद के पात्र हैं।
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- प्रवर्तक विनय ऋषि
गीतों का मधुवन
- रचयिता गणेश मुनि शास्त्री
- प्रकाशक : अमर जैन साहित्य सदन, जोधपुर
- मूल्य एक रुपया
शब्दावलियाँ
नरस
शिक्षा और 'गीतो का मधुवन' लखा, 'चन्दनलाल' |
गद् गद् 'मुनि गणेग' भारी, गुणी, सरस्वती निशदिन ही जिनकी रहे, झकृत गीत
भितार |
सर्व,
व माल ।
अवतार ।
- चन्दन मुनि [पजावी ]
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