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शिक्षा और व्यवहार (परलोक)
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१२८ जो मनुष्य विना धर्माचरण किये परलोक जाता है वह वहाँ अनेकानेक व्याधियो (कष्टो) से पीडित होकर अत्यन्त दुखी होता है ।
६२६ जो पथिक लम्बी यात्रा के पथ पर अपने साथ पाथेय लेकर जाता है, वह आगे जाता हुआ भूख और प्यास से किञ्चित् भी पीडित न होकर अत्यन्त सुखी होता है।
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जो मनुष्य यहाँ भली-भाँति धर्म की आराधना करके परलोक जाता है, वह वहाँ अल्प-कर्मी तथा पीडा-रहित होकर अत्यन्त सुखी होता है ।