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________________ ( ३४७ ) भ० महावीर स्वामी के चरण और मूर्ति भी विराजमान हैं । इसकी प्रसिद्धि तीर्थ के रूपमे है । * गौर्वर ग्राम -- गणधर इन्द्रभूति गौतम और उनके भाइयों का जन्मस्थान था । यह राजगृह के पास था । चम्पा - अंगदेश की राजधानी थी। आजकल यह स्थान भागलपुर ( बिहार ) से तीन मील पर है और तीर्थ माना जाता है । भ० महावीर यहाॅ कई दफा आए थे |२ चित्तौड़- - प्राचीन चित्रकूट दुर्ग है । यहाँ का चच्चद्वारा निर्मित प्रसिद्ध कीर्तिस्तम्भ भ० महावीर के एक प्राचीन मन्दिर का मानस्तम्भ है | ३ चंदेरी -- झॉसी जिले में प्राचीन स्थान है और अतिशय तीर्थक्षेत्र माना जाता है। यहाँ की तीर्थंकर मूर्तियाँ दर्शनीय और प्रसिद्ध हैं, जिनमें भ० महावीर की भी मूर्ति है । ४ जम्भिक ग्राम -- के निकट ऋजुकूला नदी के तट पर भ० महावीर को केवलज्ञान की उपलब्धि हुई थी । सम्भवतः वर्तमान झिरिया यह ग्राम है | जरसप्पा--उत्तर कनाड़ा जिला के होनावर ताल्लुके मे है । श्री महावीर स्वामी के मन्दिर में उनकी दर्शनीय प्रतिमा है ।१ जयपुर -- राजपूताना का प्रमुख नगर है । वहाँ कई मन्दिरों मे महावीरजी की प्राचीन मूर्तियाँ हैं और एक महावीरजी का मन्दिर भी है । ६ १. दि० जै० डा०, पृ० ५८४ २. दि०जै०ढा०, पृ० १८५ ४. पूर्व० ५० ६३ 1 ६. म० प्रा० जै० स्मा०, पृ० १७६ ३. म०प्रा०जे०स्मा० पृ० १३७ ५. वं० प्रा० जै० मा०प० ० ३४
SR No.010164
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Parishad Publishing House Delhi
PublisherJain Parishad Publishing House Delhi
Publication Year1951
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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