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[७] पारापतपदी (१७४) शृंगी (२१४) मातुलानी, मावली, विजया, जया (२३३), स्वजिका क्षार, कापोत [२५२]
(२) कर्पूरादि वर्ग मे-पतंग (१८-१६), जटायु, कौशिक (३२) नाग (६६) गोरोचना, गोरी (७६) जटामासी, तपस्विनी, (८६) पियंगु, विश्व सेनांगनां (१०१) रेणुका राजपुत्री च नन्दिनीकपिला द्विजा, पाडु पुत्री कौन्ती (१०४) काक पुच्छ (१०७) कुककुर रोम शुक (१०६) निशाचरो, धनहर किनवो (१११) ब्राह्मणी देवी मरून्माला (१२५) कपोतचरणा नटी (१२६)
(३) गडूच्यादि वर्ग मे --जीवती (७) नागिनी (१०) जया, जयन्ती (२४) सिह पुच्छी (३४) सिही (३६) व्याघ्री (३८) गोभुरः प्रश्वदष्टा (४४-४५)जीवती जीवनी, जीवा, जीवनीया (५०) हय पुच्छिका (५५) व्याघ्र पुच्छ: (६१) सिह तुण्ड वजी (७५) मातुल (८७) सिहिका सिंहास्यो वाजिदन्त (८६-६०) विष्णुकान्ता अपराजिता [१२३] कर्कटी वायसी, करजा (१२५)काकादनी ( १२८) कपिकच्छू: मकंटी लांगुली ( १३०,१३१) माम रोहिणी ( १३३) मत्स्य निषूदन (१३५) लक्ष्मण (१४१) काकायु (१४६ )गौलोमी ( १४६) मत्स्याक्षी-शकुलादनी (१७४) वाराही कोष्टी,(१७६-१७८) नारायणी (१८२)प्रश्वगधा, ह्वया हया, बाराह कर्णी (१८७) वाराहांगी ( १९६)जयपाल(२००)ऐन्द्री (२०१)मुन्डी भिक्षुरपि प्रोक्ता श्रावणी च तपोधना, महा श्रवणिका तपस्विनी (२१४. २१६) मर्कटी (२१६) कोकी, लाक्षास्तु काकेशु. ( २२४)