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________________ ( २५ ) नामकी वेश्या के साथ विषय सेवन करने से एक ही भवमें १८ नातेकी कथा प्रसिद्ध है । ६ प्रमादसे बिना दी हुई, किसीकी गिरी हुई, या पड़ी हुई, या रक्खी हुई, या भूली हुई चीजको उठा लेना अथवा उठाकर किसीको दे देना चोरी है । जिसकी चीज चोरी चली जाती है, उसके मनमे बड़ा खेद होता है और इस खेदका कारण चोर होता है । इसके सिवाय चोरी करते समय चोरके परिणाम भी बड़े मलिन होते हैं । इस कारण चोरके महान् अशुभ कर्मोंका बन्ध होता है । लोकमें भी चोर दंड पाते हैं और सब कोई उन्हें घृणा की दृष्टि से देखते हैं । ७ अपनी स्त्री अर्थात् जिसके साथ धर्मानुकूल विवाह किया है, उसको छोड़कर और सव स्त्रियाँ मां बहिनके समान हैं । अपने से बड़ी मां बराबर है और छोटी वहिन बेटीके बरावर । उनके साथ विषय सेवन करना मानो अपनी मां बहिन और बेटी के साथ विषय सेवना है । प्रश्नावली । १ व्यसन किसे कहते हैं और ये व्यसन कितने होते है ? २ शतरज, ताश, गजफा खेलना, रुई, अफीम लगाना, लाटरी डालना, जिंदगीका बीमा करना, क्रिकेट, फुटबाल खेलना जूभा है या नहीं ? ३ परस्त्री और वेश्यामें क्या भेद ? पत्र यागी रानी है या नहीं ? के ऑ बना ४ मदिरापानसे क्या समझते हो ? ए सग, चरम, नदेखे है या नहीं ?
SR No.010158
Book TitleBalbodh Jain Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachand Goyaliya
PublisherDaya Sudhakar Karyalaya
Publication Year
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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