________________
રર
श्रात्मतत्व विचार
कर्म अधिक काल तक नहीं टिकते, जैसे जड़ से उखाड़ा हुआ वृक्ष अधिक समय नहीं टिकता ।
आप कर्मरूपो खड्डे को जान गये हैं । अब जानबूझकर उसमे न पडें ।
अक्सर लोग कहते हैं कि, हम धर्म की आराधना तो करना चाहतो हैं, पर नानाविध अन्तरायो के कारण कर नहीं पाते । परन्तु, दृढ़ इच्छाशक्ति से काम ले तो अवश्य कर सकते हैं ।
विशेष फिर कहा जायगा !
****