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अपश्चिम तीर्थकर महावीर - 88 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 250 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 8 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 250 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 9 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 250 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 9-10 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 250 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 9-10 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 251 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 10 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 251 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 11 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरी; वही; पृ. 251 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 11 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 251 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 11-12 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 251 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 12 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 251 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 12 त्रिपष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 12 समवायांग सूत्र; अभयदेववृत्ति; प्रका. सेठ माणेकचन्द चुन्नीलाल, अहमदावाद; सन् 1938; सूत्र 136; पृ. 99 (क) आवश्यक सूत्र; श्री मलयगिरि; वही; पृ. 251 (ख) त्रिषष्टि श्लाका पुरुष चारित्र; वही; पृ. 12 (क) द्रष्टव्य-जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति; श्री शांतिचन्द्र विहित वृत्ति सहित, पूर्वभागः तृतीय वक्षरकार; देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्वार, मुम्बई, सन् 1920. पृ. 184-86 (य) जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति; वही; तृतीय वक्षरकार (क) जम्वृद्धीप प्रज्ञप्ति, श्री शांतिचन्द्र विहित वृत्ति सहित, वही, पृ. 276 (aप्रपना मुत्र थोकडा भाग 2, प्रका. श्री अगरवन्द रुदान