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________________ है कि गर्भस्थ बालक महान् धर्म-प्रचारक होगा। ३–'उछलता हुआ सिंह' से सूचना मिलती है कि गर्भस्थ बालक अतुल्य पराक्रमी और शूरवीर होगा। ४-'मदार पुष्पों' की माला से प्रकट होता है कि गर्भस्थ बालक महान कीर्तिशाली होगा। उसके यश की सुरभि दिग्दिगन्तों में फैलेगी। ५-- 'उदस्त चन्द्रमा' से प्रकट होता है कि गर्भस्थ बालक दिव्य-ज्ञान-सम्पन्न होगा। वह अपने ज्ञान के प्रकाश से मोह के तम को दूर करेगा। ६-सूर्य-दर्शन इस बात का सूचक है कि गर्भस्थ बालक महान् ज्ञानी होगा। वह अपने ज्ञानरूपी सूर्य से जगत् में फैले अज्ञानता के अन्धकार को दूर करेगा। ७-'दो मछलियों के देखने का फल यह है कि गर्भस्थ बालक अक्षय सुख को प्राप्त होगा। ८-'सोने के दो कलश' का तात्पर्य यह है कि गर्भस्थ बालक कल्याणकारी और अतीव सुन्दर होते हुए भी ध्यान-रती होगा। ६-'तालाब' से यह अर्थ निकलता है कि गर्भस्थ बालक अपने सत्कर्मों, आचरणों और व्यवहारों से सबको संतृप्त करेगा, सवको तृषा को दूर करेगा, सबको शक्ति प्रदान करेगा। १०-'समुद्र' से यह अर्थ प्रकट होता है कि गर्भस्थ बालक महान् ज्ञानी और विचारक होगा। जिस प्रकार समुद्र की कोई थाह नहीं पाता, उसी प्रकार गर्भस्थ बालक के ज्ञान की भी कोई पाह न पा सकेगा। ११- लक्ष्मी-दर्शन' से यह प्रकट होता है कि गर्भस्थ बालक
SR No.010149
Book TitleAntim Tirthankar Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShakun Prakashan Delhi
PublisherShakun Prakashan Delhi
Publication Year1972
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size6 MB
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