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________________ निनाद से उसका कोना-कोना गुंजित होता रहता है। महावीर स्वामी, भगवान बुद्ध, अशोक, चन्द्रगुप्त, आदि महामानवों की कीर्ति का स्वर चारों ओर से उठता ही रहता है। पाटलिपुत्र, राजगृह और वैशाली की गौरवपूर्ण गाथाओं से बिहार प्रदेश का भाल हिमालय की चोटियों से भी अधिक ऊंचा जान पड़ता है। इसी बिहार प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले में बसाढ़ नामक गांव है । यह वही स्थान है, जिसके आस-पास कभी वैशाली नगर था। वह वैशाली नगर, जिसकी गौरव-गाथाएं आज भी प्राणों में पुलक पैदा करती हैं । वैशाली के आस-पास ही कुण्ड और वणिय नामक दो ग्राम स्थित थे। यद्यपि वे वैशाली के ही भाग थे, पर उनकी अपनी स्वतन्त्र सत्ता थी। कुण्ड ग्राम को ही 'कुण्डलपुर' कहते हैं। इसी ग्राम की धरती को भगवान महावीर को जन्म देने का सौभाग्य प्राप्त है । यद्यपि आज वह ग्राम अपनी प्राचीन स्थिति में नहीं है, पर वह भूमि अवश्य है. जिसने भगवान महावीर को अपनी गोद में लेकर सुमधुर स्वरों में पवित्र लोरियों का गान किया था। आज भी अनुभव करने वालों के लिए उस घरा से वे सुरभित उच्छ्वास निकलते हैं, जो महावीर स्वामी के जन्म की प्रसन्नता में उसके हृदय में समा गए थे।
SR No.010149
Book TitleAntim Tirthankar Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShakun Prakashan Delhi
PublisherShakun Prakashan Delhi
Publication Year1972
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size6 MB
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