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________________ धरती का रोदन -- धरती के आंसू संसार में कभी-कभी धरती भी रोने लगती है। उसके नेत्रों से झर-झर दुःख के आंसू गिरने लगते हैं । धरती अब तक कई वार रो चुकी है। कई बार अपने आंसुओं से महापुरुषों के चरण घो चुकी है। जब-जब धरती पर पाप और अत्याचार बढ़े, महान आत्माओं ने जन्म लिया । भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध, मुहम्मद और महात्मा ईसा का अवतरण ऐसे समय में ही हुआ । सबने अपने-अपने ढंग से मानव समाज को राह दिखाई, संसार के दुःखों को दूर करने का बीड़ा उठाया । तभी तो आज संसार के लोग इन महान आत्माओं को याद करते हैं । भगवान महावीर का आविर्भाव भी ऐसे समय में ही हुआ । घरा पर चारों ओर अंधेरा छाया हुआ था । लोगों को रास्ता ही नही सूझता था । उनके आगमन से धरती मुसकरा उठी । महावीर स्वामी के आविर्भाव के लिए धरती ने किस प्रकार की पुकार की थी, इस बात को ठीक-ठीक समझने के ३३
SR No.010149
Book TitleAntim Tirthankar Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShakun Prakashan Delhi
PublisherShakun Prakashan Delhi
Publication Year1972
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size6 MB
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