SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समय बाहुबली को ज्ञान प्राप्त हुआ, 'यह संसार नश्वर है, इसके लिए लड़ाई क्यों ?' और उसी क्षण वह वैराग्य लेकर तप में लीन हो गए और आत्म-चिन्तन में लग गए । अन्त में मोक्ष को प्राप्त हुए । मैसूर राज्य में बाहुबली की एक ही पत्थर से बनी ५७ फुट ऊंचो मूर्ति आज संसार की अत्यन्त प्राचीन मूर्तियों में सबसे ऊंची मानी जाती है। भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर स्वामी तक कुल २४ तीर्थकर हुए हैं। उन तीर्थंकरों के नाम और उनके जन्म-स्थान इस प्रकार हैं : तीर्थकर का नाम जन्म-स्थान १. श्री ऋषभदेव जी अयोध्या २. श्री अजितनाथ जी अयोध्या ३. श्री संभवनाथ जी श्रावस्ती ४. श्री अभिनन्दननाथ जी अयोध्या ५. श्री सुमतिनाथ जी अयोध्या ६. श्री पद्मप्रभु जी कोशाम्बी ७. श्री सुपार्श्वनाथ जी काशी ८. श्री चन्द्रप्रभ जी चन्द्रपुरी ६. श्री पुष्पदन्त जी काकन्दी १०. श्री शीतलनाथ जी मद्दलपुर ११. श्री श्रेयांसनाथ जो सिंहपुरो-सारनाथ १२. श्री वासुपूज्य जी चम्पापुरी
SR No.010149
Book TitleAntim Tirthankar Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShakun Prakashan Delhi
PublisherShakun Prakashan Delhi
Publication Year1972
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy